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संस्‍कृत ब्‍लाग एग्रीगेटर की नयी प्रस्‍तुतियाँ


इस सप्‍ताह संस्‍कृतजालपुटसंग्राहक संस्‍कृतं भारतस्‍य जीवनम् पर प्रस्‍तुत किये गये लेख ।।


संस्‍कृतप्रशिक्षणकक्ष्‍या का वर्तमान काल के पूर्ण वाक्यों को बनाने का तरीका

वर्तमान कालस्‍य कृतानां क्रियाणां वाक्‍यानां निर्माणप्रक्रिया ।



प्रतुल जी द्वारा प्रस्‍तुत


राष्‍ट्रीय पात्रता परीक्षा विषयक सूचना


दीप्ति जी द्वारा प्रस्‍तुत शिव जी की स्‍तुति


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यदि आप संस्‍कृत में लिखने के शौकीन हैं तो ब्‍लाग के लेखक बनें ।।
आप अपने संस्‍कृत के लेख हमें ईमेल (pandey.aaanand@gmail.com) भी कर सकते हैं, 
ये आपके नाम से शीघ्र ही प्रकाशित कर दी जाएँगी ।।
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भवदीय: - आनन्‍द:

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा