हिंदी दिवस पर
एक नेता जी
बतिया रहे थे,
‘मेरी पब्लिक से
ये रिक्वेस्ट है
कि वे हिन्दी अपनाएं
इसे नेशनवाइड पापुलर लेंगुएज बनाएं
और
हिन्दी को नेशनल लेंगुएज बनाने की
अपनी डयूटी निभाएं।’
बतिया रहे थे,
‘मेरी पब्लिक से
ये रिक्वेस्ट है
कि वे हिन्दी अपनाएं
इसे नेशनवाइड पापुलर लेंगुएज बनाएं
और
हिन्दी को नेशनल लेंगुएज बनाने की
अपनी डयूटी निभाएं।’
'थैंक्यू' करके नेताजी ने विराम लिया।
जनता ने क्लैपिंग लगाई
कुछ 'लेडिज नुमा' महिलाएं
‘वेल डन! वेल डन!!’ चिल्लाईं।
जनता ने क्लैपिंग लगाई
कुछ 'लेडिज नुमा' महिलाएं
‘वेल डन! वेल डन!!’ चिल्लाईं।
‘सब अंग्रेजी बोल रहे है..’
‘हिन्दी-दिवस? ’ ...मैं बुदबदाया।
‘हिन्दी-दिवस? ’ ...मैं बुदबदाया।
‘हिन्दी दिवस नहीं, बे! हिन्दी डे!’
साथ वाले ने मुझ अल्पज्ञानी को समझाया।
साथ वाले ने मुझ अल्पज्ञानी को समझाया।
- रोहित कुमार ‘हैप्पी’
संपादक, भारत-दर्श
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर