जब चोर सिपाही संग संग घूमे॥
नेता वेश्या संग नाचे॥
महा दरिद्र रोटी को तरसे॥
पंडित जी मदिरालय ताके॥
तब देश की आन मान पर ख़तरा॥
धीरे धीरे मंडराए गा॥
baap beti masti me लोटे॥
ससुर पतोह संग पत्ता खेले॥
भाई बहिन संग रास रचाए॥
भतीज चाची के आँख चटोले॥
तब जवान लैरका मरिहै रास्ता म॥
tab महा काल पगलायेगा॥
नेता वेश्या संग नाचे॥
महा दरिद्र रोटी को तरसे॥
पंडित जी मदिरालय ताके॥
तब देश की आन मान पर ख़तरा॥
धीरे धीरे मंडराए गा॥
baap beti masti me लोटे॥
ससुर पतोह संग पत्ता खेले॥
भाई बहिन संग रास रचाए॥
भतीज चाची के आँख चटोले॥
तब जवान लैरका मरिहै रास्ता म॥
tab महा काल पगलायेगा॥
bahut khoob
ReplyDeletehttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
शानदार, सार्थक ,सामयिक
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