आइये आइये कवि राज़ आइये॥
सुन्दर सुन्दर अक्षरों से आसमान को सजाइए॥
लेखनी से लेख लिख चाँद को बुलाइए॥
ऐसा शब्दों का सार हो पूर्णिमा विराजे॥
अर्थो का बना हार हो आमवाश्या नाचे॥
नयी नयी बात नवयुग को बतलाइये॥
आइये आइये कवि राज़ आइये॥
सोच में पढ़ जाए दिमाग पढ़ने वाले दिल का॥
भले बड़े बन न पावो बन जाओ तिनका॥
शव्दों के सुनहरे हार को साहित्य को पहनाइए॥
आइये आइये कवि राज़ आइये॥
चर्चा गली में होगी पर्दा खुल जाएगा॥
आयेगा आयेगा अपना भी समय आयेगा॥
फूलो के शब्द हो आरती सजाइये॥
आइये आइये कवि राज़ आइये॥
सुन्दर सुन्दर अक्षरों से आसमान को सजाइए॥
लेखनी से लेख लिख चाँद को बुलाइए॥
ऐसा शब्दों का सार हो पूर्णिमा विराजे॥
अर्थो का बना हार हो आमवाश्या नाचे॥
नयी नयी बात नवयुग को बतलाइये॥
आइये आइये कवि राज़ आइये॥
सोच में पढ़ जाए दिमाग पढ़ने वाले दिल का॥
भले बड़े बन न पावो बन जाओ तिनका॥
शव्दों के सुनहरे हार को साहित्य को पहनाइए॥
आइये आइये कवि राज़ आइये॥
चर्चा गली में होगी पर्दा खुल जाएगा॥
आयेगा आयेगा अपना भी समय आयेगा॥
फूलो के शब्द हो आरती सजाइये॥
आइये आइये कवि राज़ आइये॥
वाह्……………बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeletethankyou ma'm
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