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मै पहरेदार हूँ भारत का॥


मै पहरेदार हूँ भारत का॥

भारत की अलख जगाता हूँ...

भारत माँ की धुल को॥

माथे पे तिलक लगाता हूँ॥

मै चौकस रहता मौके पर॥

खड़े खड़े लहराता हूँ॥

भारत का रहने वाला हूँ॥

भारत की अलख जगाता हूँ॥

दुश्मन की करतूतों को॥

कामयाब होने नहीं देता॥

आन मान को ध्यान में रख कर॥

उनका काम ख़तम कर देता॥

मै नए नए जवानो में॥

नया जोश भरवाता हूँ।

भारत का रहने वाला हूँ,

भारत की अलख जगाता हूँ...

परवाह नहीं करा तन की ॥

काल से भी लद जाता हूँ॥

कदम नहीं पीछे हटते है॥

मै उनकी ढोल बजाता हूँ॥

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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