गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
कई दिन से पडा मै कहारता रहा॥
नींद आ कर के बोली क्यों क्यों सोते नहीं॥
आशिकी में ह्रदय घात हमको हुआ॥
निति आकर के बोली तुम सुहाते नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
मुझको लगता की मेरा चमन लुट गया॥
खुशिया करके बोली क्यों नहाए नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
आँख से आसुओ की नदी बह रही॥
भूख आ करके बोली क्यों खाए नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
याद आती है हंस हंस कुछ करते जब थे॥
रीती आ कर के बोली क्या पाए नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
कई दिन से पडा मै कहारता रहा॥
नींद आ कर के बोली क्यों क्यों सोते नहीं॥
आशिकी में ह्रदय घात हमको हुआ॥
निति आकर के बोली तुम सुहाते नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
मुझको लगता की मेरा चमन लुट गया॥
खुशिया करके बोली क्यों नहाए नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
आँख से आसुओ की नदी बह रही॥
भूख आ करके बोली क्यों खाए नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
याद आती है हंस हंस कुछ करते जब थे॥
रीती आ कर के बोली क्या पाए नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
गम के सागर में डूबा मै घायल पडा॥
मौत आके हंसी ऐसे रोते नहीं॥
आँख से आसुओ की नदी बह रही॥
ReplyDeleteभूख आ करके बोली क्यों खाए नहीं॥
Beautiful lines...
thankyou ji,,,
ReplyDeletebahut hi sanvedanseel kavita hai maan ko choo gai
ReplyDeletethankyou sir.....
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