ये डगर पुरानी मै कल का राही॥
भूल भटक to जाऊगा॥
बाद में मुझसे पूछ लेना॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
दूर है मंजिल कठिन घडी है॥
फिर भी दर तक जाऊगा॥
वापस आऊ तो पूछ लेना॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
बहुत पड़ेगे कंकण पत्थर॥
राहो से उसे हटाऊगा॥
वापस आऊ तो पूछ लेना॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
पता नहीं उस कठिन जगह से ॥
यहाँ पे फिर आ पाऊगा ॥
वापस आऊ तो पूछ लेना॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
जो खड़े है दुश्मन पग पग पर॥
उनको मार गिराऊगा॥
वापस आऊ तो पूछ लेना॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
अनुभव तुम्हे बताऊगा॥
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--- संजय सेन सागर