फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
बीबी कहती बाहर भी॥
तुम चक्कर चलाते हो...
तभी तो मुझसे मिलाने॥
६ महीने बाद आते हो॥
जब दिन की छुट्टी में आता॥
मचा देती उत्पात॥
फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
दस दिन में ४ दिना ही ॥
खाना खाया उसका बनाया॥
बातो बातो में लड़ जाती है...
दिखा देती है अपनी माया॥
कभी कभी ताव दिखाती॥
कभी दिखाती नाच॥
फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
बच्चो को मेरे खिलाफ॥
ऊट पटांग बताती है॥
५ बजे सुबह खा लेती॥
काम से जान चुराती है॥
कभी कभी तो जी कहता है॥
ले लू इसकी जान॥
फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
बीबी कहती बाहर भी॥
तुम चक्कर चलाते हो...
तभी तो मुझसे मिलाने॥
६ महीने बाद आते हो॥
जब दिन की छुट्टी में आता॥
मचा देती उत्पात॥
फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
दस दिन में ४ दिना ही ॥
खाना खाया उसका बनाया॥
बातो बातो में लड़ जाती है...
दिखा देती है अपनी माया॥
कभी कभी ताव दिखाती॥
कभी दिखाती नाच॥
फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
बच्चो को मेरे खिलाफ॥
ऊट पटांग बताती है॥
५ बजे सुबह खा लेती॥
काम से जान चुराती है॥
कभी कभी तो जी कहता है॥
ले लू इसकी जान॥
फिर वही पुरानी बात॥
लेके करती रहती रार॥
मै बहुत किया बर्दाश्त ॥
क्या है कोई उपचार॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर