हिंदी चिट्ठाजगत में कुछ ऐसे चिट्ठाकार हैं जिनके तेवर का अंदाजा उन्हें गहराई से पढ़े और महसूस किये बगैर नहीं लगा सकते ....जो अपने मस्तिस्क की आग को समूची दुनिया के हृदय तक पहुंचाने को बेताब है और पूरी दुनिया की क्रान्तिधारा को आप तक पहुंचाने को तत्पर ।
किसी को कविता में महारत हासिल है तो किसी को कहानी या फिर संस्मरण में .....कोई आलेख तो कोई शब्दों की श्रृंखला बनाता है .....कोई करता है उद्घोष अपनी राष्ट्रभाषा का तो कोई जूनून की हद तक जाकर करता है सृजन कर्म ....कोई गीत रचता है तो कोई ग़ज़ल ....सबकी अपनी -अपनी अलग विशेषता है । सभी अपने फन में माहिर है सभी श्रेष्ठ हैं ......हम इन्हीं श्रेष्ठ सृजनकारों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं १२ जुलाई से प्रत्येक दिन परिकल्पना और ब्लोगोत्सव-२०१० पर प्रात: ११ बजे और अपराह्न ३ बजे .........देखना न भूलें !सुमन
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर