आँखों के आंसुओ को ॥ घुट - घुट के पी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
तुमने किया था वादा मेरा साथ न छोडोगी॥
बांधा जो तुंने बंधन उसको न खोलो गी॥
तेरी हंसी के होठो की तस्वीरे बना रहेहै॥
आँखों के आंसुओ को ॥ घुट - घुट के पी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
क्यों बना ज़माना बैरी तुम दूर हो गयी॥
बात क्या हुयी जो मजबूर हो गयी॥
लेके सिन्दूर हाथ में हम तुमको बुला रहे है॥
आँखों के आंसुओ को ॥ घुट - घुट के पी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
अब बर्दास्त नहीं होता तनहा तनहा जीना॥
तेरे सिवा पसंद न कोई स्वेता शशि रवीना॥
उस तेरे प्रेम पत्र को दिल को सूना रहे है॥
आँखों के आंसुओ को ॥ घुट - घुट के पी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
क्यों खूखार बन गए घर के तुम्हारे लोग॥
क्या तुझपे जुल्म धा रहे करते नहीं है शोक॥
तेरा पता न मालूम हम जासूस लगा रहे है॥
आँखों के आंसुओ को ॥ घुट - घुट के पी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
गर तुम हमें हो चाहती हम जरूर मिलेगे॥
जो फूल सूख गए वे फिर से खिलेगे॥
मेरे नसीब में तू है हम अंदाजा लगा रहे है॥
आँखों के आंसुओ को ॥ घुट - घुट के पी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
तेरे ही इन्तजार में अभी भी जी रहे है॥
शम्भू नाथ
तेरे इंतजार में हम अब भी जी रहे है..
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर