अग्नि को साक्षी मान कर॥
सात फेरे हम लिए॥
हम तुझे जाने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
लड़ जाए उस बला से॥
जो तेरा अपमान करे॥
मांगना है मांग लो॥
हम आसमा के तारे देगे॥
हम तुझे जाने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
जब तक ज़िंदा रहू जमी पर॥
हम तुम्हे हंसना सिखाये॥
गर कभी आये मुशीबत॥
साथ मिलकर उसे भगाए॥
कल तेरा कोई मीत आये॥
हम उसे आने न देगे॥
हम तुझे जाने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
हंसी खुसी से रहे सदा सब॥
यही दुआ तुम कीजिये॥
कोई भूँखा न जाए द्वार से॥
उसको खाना दीजिये॥
गर कोई फिर आँख दिखाए॥
आँख को हम फोड़ देगे॥
हम तुझे जाने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
गम कभी आने न देगे॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर