
बादल बाबा बादल बाबा॥
पानी कब बरसाओगे॥
सूख रहा है तन तरुवर सब॥
कब तुम प्यास बुझाओ गे॥
हाहाकार मचा हुआ है॥
नदी तालाब गए है सूख॥
अपनी दुर्दशा पर रोता॥
द्वारे खडा पुराना कूप॥
आस लगाए सब बैठे है॥
उनको क्या तरसाओगे॥
बादल बाबा बादल बाबा॥
पानी कब बरसाओगे॥
पानी कब बरसाओगे॥
चिड़िया कलरव बंद कर दिया॥
मोर नांचना भूल गए॥
कोयल दीदी छुप कर बैठी॥
सब गर्मी से ऊब गए॥
पीया पपीहा पिव पिव बोले॥
उसको क्या ललचाओगे॥
बादल बाबा बादल बाबा॥
पानी कब बरसाओगे॥
पानी कब बरसाओगे॥
तुमने पुकारा और बाबा चले आये
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