क्यों फोन नहीं कर सकते तुम॥
इतना भी क्या डर होता॥
क्यों नहीं कर सकते बात मुझसे॥
क्या इतना भी नहीं हक़ होता॥
जब दो प्रेमी का प्रेम मिलन हो॥
तब बादल भी जल बरसाते है॥
बहुत दिनों के बाद मिले है॥
प्रेम मधुर रस टपकाते है॥
तेरे बिना अब मेरे साजन॥
सुबह साम दिल मेरा रोता॥
वे भी प्यार किये थे कभी॥
जो आज तुम्हे अटकाते है॥
चले जाते थे पैदल दर तक॥
जो आज मुझपे ॥
मुह बिचकाते है॥
बात समझ में आ जाए जब॥
प्रेम पथिक बिन कैसे सोता॥
इतना भी क्या डर होता॥
क्यों नहीं कर सकते बात मुझसे॥
क्या इतना भी नहीं हक़ होता॥
जब दो प्रेमी का प्रेम मिलन हो॥
तब बादल भी जल बरसाते है॥
बहुत दिनों के बाद मिले है॥
प्रेम मधुर रस टपकाते है॥
तेरे बिना अब मेरे साजन॥
सुबह साम दिल मेरा रोता॥
वे भी प्यार किये थे कभी॥
जो आज तुम्हे अटकाते है॥
चले जाते थे पैदल दर तक॥
जो आज मुझपे ॥
मुह बिचकाते है॥
बात समझ में आ जाए जब॥
प्रेम पथिक बिन कैसे सोता॥
सुन्दर कविता, मजा आ गया।
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क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।