तितली रानी तितली रानी ॥
बड़ी सयानी लगती हो॥
मै तो तेरे पास हूँ आती॥
तुम तो दूर को भगती हो॥
पूर्व दिशा से आई हो॥
पश्चिम दिशा को जाओ गी॥
बहुत दिनों से भूखी लगती॥
लगता है कुछ खाओगी॥
तेरे पंख तो बड़े सुनहरे॥
सोलह सिंगार से सजती हो॥
मै तो तेरे पास हूँ आती॥
तुम तो दूर को भगती हो॥
तुम तो दूर को भगती हो॥
हर मौसम में आती रहना॥
बागो में ख़ुशी जगा देना॥
मेरे फूलो को गमका कर॥
मन सुगन्धित कर देना॥
मै तो तुमको पकड़न दौडू॥
तुमतो दूर उछलती हो॥
मै तो तेरे पास हूँ आती॥
तुम तो दूर को भगती हो॥
तुम तो दूर को भगती हो॥
सुन्दर रचना....... जय हो........डॉ० डंडा लखनवी
ReplyDeletethankyou sir,,,
ReplyDeletethankyou sir,,,
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