एक बन्दर मैट्रो के अन्दर॥
किया खूब हंगामा॥
जितने यात्री बैठे थे अन्दर॥
करने लगे खुद ड्रामा॥
करने लगे खुद ड्रामा॥
सी। आई। अस । अफ को बुलवाए॥
तोंदी वाले अफसर दादा को॥
बन्दर मामा बहुत दौडाए॥
एक जवान गड्ढे में दिर गया।
दूजे का फटा पजामा॥
एक बन्दर मैट्रो के अन्दर॥
किया खूब हंगामा॥
जितने यात्री बैठे थे अन्दर॥
करने लगे खुद ड्रामा॥
चलती मैट्रो में जनता संग॥
अफसर हुए हताश॥
नटखट बन्दर के करतूते से॥
सहने लगे उपहास॥
मजबूरी में अफसर बोला॥
अब तो मान जाओ हे नाना..
किया खूब हंगामा॥
जितने यात्री बैठे थे अन्दर॥
करने लगे खुद ड्रामा॥
करने लगे खुद ड्रामा॥
सी। आई। अस । अफ को बुलवाए॥
तोंदी वाले अफसर दादा को॥
बन्दर मामा बहुत दौडाए॥
एक जवान गड्ढे में दिर गया।
दूजे का फटा पजामा॥
एक बन्दर मैट्रो के अन्दर॥
किया खूब हंगामा॥
जितने यात्री बैठे थे अन्दर॥
करने लगे खुद ड्रामा॥
चलती मैट्रो में जनता संग॥
अफसर हुए हताश॥
नटखट बन्दर के करतूते से॥
सहने लगे उपहास॥
मजबूरी में अफसर बोला॥
अब तो मान जाओ हे नाना..
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर