मुझको चिंता है तेरी क्यों घर पर आती हो॥
मम्मी पापा के सामने घंटो बतलाती हो॥
गर भनक लगी दोनों की घंटी बज जायेगी॥
तेरे लिए दूल्हो की मण्डी सज जायेगी॥
क्यों दुहारिया खिड़की से हमें चिढाती हो॥
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जब होगी तुम्हारी शादी हम आंसू बहाएगे॥
कभी कभी सपनों में तेरे आयेगे॥
क्यों संझालौका भीतरे म हमें बुलाती हो॥
फिर बुरा समय आयेगा दुल्हन हम पायेगे॥
तेरी गुण की गाथा उसे सुनायेगे॥
मेरे मन की माला क्यों गले सजाती हो॥
पड़ोस की लड़की:::::::::::::::
pados की लड़की
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--- संजय सेन सागर