ॐ जय महगाई माता॥ ॐ जय महगाई माता॥
बीस रुपिया के.जी आटा बिक जाता... ॐ जय महगाई माता॥
तुम गरीबो को भूखे पेट सुलाती॥
उनकी दशा देख तू मनही मन मुस्काती॥
तुम बेईमानो की अम्मा उन्ही की भाग्य विधाता॥
ॐ जय महगाई माता॥
तुम आंसू देने वाली हम हंस के पी जाते॥
धुप छआव में चल कर जीवन जी जाते ॥
बच्चे भूखे रोते तुम्हे दया नहीं आटा॥
ॐ जय महगाई माता॥
सुविधा से रहे वंचित घुट घुट कर जिए॥
दूध की जगह पानी नदिया वाला पिए॥
तेरी गति की पहिया शायद अब रूक जाता॥
ॐ जय महगाई माता॥
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--- संजय सेन सागर