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बीते हुए पल...

हमने भी गुजार दी है॥
दर्द भरी जवानी॥
हमको भी याद आती है॥
बीती हुयी कहानी॥
करती थी बात जब वह॥
कलियों से खुशबू झरती॥
आँखे बड़ी अजीब थी॥
मस्त हो मचलती॥
अब भी संभाल रखा हूँ॥
उसकी एक निशानी॥
हमने भी गुजार दी है॥
दर्द भरी जवानी॥
उसने सजाया चमन को॥
मैंने भी उसको सीचा॥
आपस ताल मेल था॥
शव्दों को दोनों मींजा॥
अब रोता हमारा दिल है॥
आगे नहीं बतानी ॥
हमने भी गुजार दी है॥
दर्द भरी जवानी॥
नजर लगी किसी की॥
य होनी को यही बदा था॥
नफरत कहा से आयी॥
मुझको नहीं पता था॥
उजड़ा मेरा बगीचा॥
दूजे पे हक़ जमा ली॥
हमने भी गुजार दी है॥
दर्द भरी जवानी॥

Comments

  1. alvida bloging

    swachchhsandesh.blogspot.com

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  2. ये ज़िन्दगी के मेले, दुनिया में कम ना होंगे

    अफ़सोस हम ना होंगे

    इक दिन पडेगा जाना क्या वक़्त, क्या ज़माना

    कोई न साथ देगा सब कुछ यही रहेगा

    जाएंगे हम अकेले, ये ज़िन्दगी...

    दुनिया है मौज-ए-दरिया, कतरे की ज़िन्दगी क्या

    पानी में मिल के पानी, अंजाम ये के पानी

    दम भर को सांस ले ले, ये ज़िन्दगी...

    होंगी यही बहारें, उल्फत की यादगारें

    बिगडेगी और चलेगी दुनिया यही रहेगी

    होंगे यही झमेले ये ज़िन्दगी..

    alvida bloging

    ReplyDelete

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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