Skip to main content

व्यू जैन ब्लोगर परिवार एग्रीगेटर

सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ
जैन चिठाकारो का एग्रीगेटर वास्तव में बहुत ही उपयोगी लग रहा है. . हम सभी देश विदेश में बसे जैन ब्लॉगरो से एक ही साथ रूबरू हो पाते है उनके लेखन कों पढ़कर  ... शायद इससे आगे भी हमे जैन ब्लोगरो के अंतरराष्ट्र्य बैठको एवं सम्मेलनों कों   आयोजन करने का मोका मिले तब हम सभी एक दुसरो से मिल भी पाएगे. ..

सैकड़ो जैन लेखक विचारक है जो विभिन्न विषयों / भाषाओं कों नियमित लिखते है पर हमे पता नही होता है कि कब उन्होंने क्या लिखा है ? या कहा से किस विषयों पर वे लिखते है ? . कोई जरूरी नही है कि जैन लेखक, जैन धर्म पर ही लिखे. वे विबिन्न विषयों पर लिखते होगे जैसे राजनीति/ फिल्म ./ सामाजिक/ गैर सामाजिक / या अपने व्यक्तिगत अनुभव ही लिखते होगे----ऐसे सभी लेखको का हम संकलन करना चाहते है. इस जैन ब्लॉगर परिवार  एग्रीगेटर  के माध्यम से ताकि हमारे पास वो सभी के पत्ते, मेल आई डी, अथवा सम्पर्क सूत्र सुरक्षित हो सके और भविष्य क़ी योजनाओं कों हम साकार रूप दे सके. अति शीघ्र ही इस कार्य कों सम्पन्न करना है ताकि हम शीघ्र ही एक मंच का गठन कर सके.  अत: सभी देशी विदेशी जैनी ब्लोगरो से निवेदन अति शीघ्र ही आप जैन ब्लोगर परिवार का हिस्सा बने . क्या आपने अभी तक जैन ब्लोगर परिवार कों साइन अप नही किया...... तो देर कैसी ?  तुरंत ही करे----- यहा से "साइन-अप" करे Add my blog के द्वारा अपने ब्लॉग का रजिस्ट्रेशन करे व सभी जैन ब्लोगरो को एक मंच पर लाने में अपना योगदान करे.

 आप अपने ब्लॉग पर "जैन ब्लोगर परिवार" का बैनर लगाने के लिए एवं एच टी एम् एल कोड प्राप्त करने के लिए यहा किल्क करे .

क्या आप जैन ब्लोगर है ? तो साइनअप करे.

व्यू जैन ब्लोगर परिवार एग्रीगेटर

तेरापंथ, जैन,एग्रीगेटर

Comments

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा