बिजली की खपत को कम करके चढ़ते पारे को थामने के मकसद से 2007 में ऑस्ट्रेलिया के ‘द सिडनी हेराल्ड’ अखबार की पहल पर 22 लाख लोगों ने बिजली बंद रखी। अब यह ‘अर्थ ऑवर’ आंदोलन हो गया है। इस बार इस अभियान को 88 देशों के क़रीब एक अरब लोग अपना समर्थन देंगे। 'अर्थ आवर' हर साल मार्च महीने के आख़िरी शनिवार को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 31 मार्च 2007 को ऑस्ट्रेलिया में हुई थी। उस समय इसमें 35 देशों और क़रीब 20 लाख लोगों ने भाग लिया था।
दुनियाभर में मनेगा अर्थ आवर और मोहाली में जलेंगी फ्लड लाइटें ....क्या IPL थमेगा अर्थ आवर के लिए?
एक ओर दुनियाभर के लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासों में जुटे हैं दूसरी ओर क्रिकेट जगत को सिर्फ धन कमाने से मतलब है। 27 मार्च को रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक अर्थ आवर में दुनिया अंधेरे में डूबी होगी तब क्रिकेट सितारे दूधिया रोशनी में आईपीएल मैच खेल रहे होंगे। पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेने वाले खिलाड़ी क्या अपना वादा निभा पाएंगे? शायद नहीं।
जलवायु परिवर्तन
'अर्थ आवर' का आयोजन दुनिया भर में समस्या बन चुके जलवायु परिवर्तन पर विचार करने और उसे रोकने के लिए किया जाता है। इस बार इसमें दुनिया भर के 88 देशों के क़रीब दो हज़ार शहर भाग ले रहे हैं। इस दौरान 830 प्रमुख स्थलों की बत्तियां और बिजली के अन्य उपकरण बंद कर दिए जाएंगे। वातावरण की गर्मी बढ़ाने में बिजली संयंत्रों का सर्वाधिक 22 फीसदी योगदान है। बिजली की खपत को कम करके चढ़ते पारे को थामने के मकसद से 2007 में ऑस्ट्रेलिया के ‘द सिडनी हेराल्ड’ अखबार की पहल पर 22 लाख लोगों ने बिजली बंद रखी। अब यह ‘अर्थ ऑवर’ आंदोलन हो गया है।
'अर्थ आवर' में बुझ जाएगी इनकी बत्ती
ओपेरा हाउस- सिडनी
एडिनबरा महल- स्कॉटलैंड
बर्ड नेस्ट- बीजिंग
एयर इंडिया मुख्यालय- मुंबई
भारतीय रिज़र्व बैंक- नई दिल्ली
मिस्र के पिरामिड
क्या है चेतावनी? धरती में कार्बन गैसों की मात्रा और तापमान इतना बढ़ चुका है कि पर्यावरण बचाने के लिए हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। यदि पांच साल के भीतर हमने कम कार्बन पैदा करने वाली जीवन शैली नहीं अपनाई तो पर्यावरण वापस पटरी पर लाना नामुमकिन हो जाएगा।
बिजली की कितनी बचत
पिछले साल अर्थ ऑवर में 88 देशों के चार हजार से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था। इससे दुनिया भर में 34.92 लाख मेगावाट बिजली की बचत हुई थी। इस इवेंट के आयोजक वल्र्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर के अनुसार केवल दिल्ली और मुंबई में ही इस दौरान एक हजार मेगावाट बिजली की बचत हुई। एक मेगावाट बिजली पैदा करने से हवा में 97 टन तक कार्बन डायआक्साइड मुक्त होती है। आप ही सोचिए कि एक घंटे के अर्थ ऑवर ने धरती को कितनी गर्मी से बचाया।
ऐसे हो शुरुआत
अर्थ ऑवर भले ही कल शाम 9.30 बजे खत्म हो जाए लेकिन हमें ऊर्जा बचाने की आदत डालनी ही चाहिए। धीरे-धीरे हमें पूरी जीवन शैली बदलनी होगी। सप्ताह में रोज एक कप कॉफी पीकर हम साल में 175 किलो कार्बन डायआक्साइड छोड़ देते हैं। यह लंदन से रोम के बीच एक उड़ान के उत्सर्जन के बराबर है। जल्दी-जल्दी नए कपड़े अपनाते के बजाए पुराने कपड़े पहनने से यदि एक किलो कपास की बचत भी हुई तो 65 किलो वाट बिजली बचती है और हवा में 32.5 किलो कार्बन डायआक्साइड कम निकलती है। निजी के बजाए सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करें और पैदल चलने की कोशिश करें।
भारत में अर्थ आवर, आमिर एंबेसेडर
भारत में भी इस बार 'अर्थ आवर' का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान कई सरकारी और ग़ैर-सरकारी भवनों की बत्तियाँ और बिजली से चलने वाले अन्य उपकरण रात साढ़े आठ बजे से एक घंटे के लिए बंद कर दिए गए। फ़िल्म अभिनेता आमिर ख़ान भारत में इस अभियान के ब्रांड एंबेसेडर बनाए गए हैं। वहीं अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी इसका समर्थन कर रहे हैं।
अर्थआवर के साथ भास्कर डॉट कॉम
आगे पढ़ें के आगे यहाँ
दुनियाभर में मनेगा अर्थ आवर और मोहाली में जलेंगी फ्लड लाइटें ....क्या IPL थमेगा अर्थ आवर के लिए?
एक ओर दुनियाभर के लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासों में जुटे हैं दूसरी ओर क्रिकेट जगत को सिर्फ धन कमाने से मतलब है। 27 मार्च को रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक अर्थ आवर में दुनिया अंधेरे में डूबी होगी तब क्रिकेट सितारे दूधिया रोशनी में आईपीएल मैच खेल रहे होंगे। पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेने वाले खिलाड़ी क्या अपना वादा निभा पाएंगे? शायद नहीं।
जलवायु परिवर्तन
'अर्थ आवर' का आयोजन दुनिया भर में समस्या बन चुके जलवायु परिवर्तन पर विचार करने और उसे रोकने के लिए किया जाता है। इस बार इसमें दुनिया भर के 88 देशों के क़रीब दो हज़ार शहर भाग ले रहे हैं। इस दौरान 830 प्रमुख स्थलों की बत्तियां और बिजली के अन्य उपकरण बंद कर दिए जाएंगे। वातावरण की गर्मी बढ़ाने में बिजली संयंत्रों का सर्वाधिक 22 फीसदी योगदान है। बिजली की खपत को कम करके चढ़ते पारे को थामने के मकसद से 2007 में ऑस्ट्रेलिया के ‘द सिडनी हेराल्ड’ अखबार की पहल पर 22 लाख लोगों ने बिजली बंद रखी। अब यह ‘अर्थ ऑवर’ आंदोलन हो गया है।
'अर्थ आवर' में बुझ जाएगी इनकी बत्ती
ओपेरा हाउस- सिडनी
एडिनबरा महल- स्कॉटलैंड
बर्ड नेस्ट- बीजिंग
एयर इंडिया मुख्यालय- मुंबई
भारतीय रिज़र्व बैंक- नई दिल्ली
मिस्र के पिरामिड
क्या है चेतावनी? धरती में कार्बन गैसों की मात्रा और तापमान इतना बढ़ चुका है कि पर्यावरण बचाने के लिए हमारे पास ज्यादा समय नहीं है। यदि पांच साल के भीतर हमने कम कार्बन पैदा करने वाली जीवन शैली नहीं अपनाई तो पर्यावरण वापस पटरी पर लाना नामुमकिन हो जाएगा।
बिजली की कितनी बचत
पिछले साल अर्थ ऑवर में 88 देशों के चार हजार से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था। इससे दुनिया भर में 34.92 लाख मेगावाट बिजली की बचत हुई थी। इस इवेंट के आयोजक वल्र्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर के अनुसार केवल दिल्ली और मुंबई में ही इस दौरान एक हजार मेगावाट बिजली की बचत हुई। एक मेगावाट बिजली पैदा करने से हवा में 97 टन तक कार्बन डायआक्साइड मुक्त होती है। आप ही सोचिए कि एक घंटे के अर्थ ऑवर ने धरती को कितनी गर्मी से बचाया।
ऐसे हो शुरुआत
अर्थ ऑवर भले ही कल शाम 9.30 बजे खत्म हो जाए लेकिन हमें ऊर्जा बचाने की आदत डालनी ही चाहिए। धीरे-धीरे हमें पूरी जीवन शैली बदलनी होगी। सप्ताह में रोज एक कप कॉफी पीकर हम साल में 175 किलो कार्बन डायआक्साइड छोड़ देते हैं। यह लंदन से रोम के बीच एक उड़ान के उत्सर्जन के बराबर है। जल्दी-जल्दी नए कपड़े अपनाते के बजाए पुराने कपड़े पहनने से यदि एक किलो कपास की बचत भी हुई तो 65 किलो वाट बिजली बचती है और हवा में 32.5 किलो कार्बन डायआक्साइड कम निकलती है। निजी के बजाए सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करें और पैदल चलने की कोशिश करें।
भारत में अर्थ आवर, आमिर एंबेसेडर
भारत में भी इस बार 'अर्थ आवर' का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान कई सरकारी और ग़ैर-सरकारी भवनों की बत्तियाँ और बिजली से चलने वाले अन्य उपकरण रात साढ़े आठ बजे से एक घंटे के लिए बंद कर दिए गए। फ़िल्म अभिनेता आमिर ख़ान भारत में इस अभियान के ब्रांड एंबेसेडर बनाए गए हैं। वहीं अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी इसका समर्थन कर रहे हैं।
अर्थआवर के साथ भास्कर डॉट कॉम
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थोडा सा यहाँ ध्यान दीजियेगा--------------------
ReplyDeleteसुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक लाईट नहीं. (लाईट नहीं 4 घंटे)
दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक लाईट मिली.
दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक लाईट नहीं. (लाईट नहीं 6 घंटे)
रात 8 बजे से रात 2 बजे तक लाईट मिली.
रात 2 बजे से सुबह 4 बजे तक लाईट नहीं. (लाईट नहीं 2 घंटे)
सुबह 4 बजे से सुबह 8 बजे तक लाईट मिली.
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कुल बचत 12 घंटे.
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जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteearth hour can only be successful when people are responsible.when world was saving electricity, in lucknow mayawati kingdom was celedbrating deepawali by turning street- lights on at Gomtinagar, Ambedkar Park etc.
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