लोकसंघर्ष परिवार की शुभचिंतक तथा पत्रिका के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान अदा करने वाली अदाकारा मोना. ए .हार्वे की हत्या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बदमाशों ने उनके सर को मेज के पाये से कूंच कर कर डाली। मोना फिल्म उमराव जान में रेखा की सहेली का रोल किया था। वह हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर थी। लालबाग के कंधारी लेन के मकान नंबर 26 ए में 62 वर्षीय मोना अकेले रहती थी। इससे पूर्व लखनऊ में ही अंतर्राष्ट्रीय महिला संगठन की पूर्व अंतर्राष्ट्रीय महासचिव सुरजीत कौर की हत्या रात को उनके मकान में कैंची से गला काट कर कर दी गयी थी। उत्तर प्रदेश में सरकारें चाहे जो भी दावा करें, कानून व्यवस्था की स्तिथि ठीक नहीं है। अकेले रहने वाली महिलाओं का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है। राह चलते महिलाओं के साथ बदतमीजी, चेन स्नेचिंग आम बात है। प्रदेश के पुलिस मुखिया चाहे जो राग अलापे एक मामूली चोरी का खुलासा करने में असमर्थ हैं । लोकसंघर्ष परिवार मोना जी हत्या से अत्यंत दुखी है और हमारे परिवार ने अपना एक शुभचिंतक खो दिया है।
नवाब वाजिद अली शाह की वाल पेंटिंग के साथ मोना.ए.हार्वे
Very sad state of affairs that such dedicated worker is brutally killed by dacoits.It reveals the real law and order situation in UP and LKO.
ReplyDeleteWe all condemn it and request government and CM it self to take strongest action immidately.
dr.bhoopendra
rewa mp
मोना जी की हत्या का रहस्य क्या पुलिस खोलेगी? हमारा क़ानून और पुलिस ही अपराधों के जनक हैं. इस बात को सभी जानते हैं. इसी तरह से हिंदी की प्रख्यात लेखिका सुमति अय्यर ( जो मेरी बहुत खास थीं) की हत्या का रहस्य आज तक नहीं खुला. वर्षों बीत गए और अब तो आँखें न्याय की आशा में पथरा चुकी हैं.
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