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होशियार ,, सरकार डांका डाल रही है...

जिस प्रकार से सरकार दामो की बढ़ोतरी कर रही है॥ दिन प्रतिदिन दाम बढ़ रहे है। उससे हमारे भारत के गरीबो का क्या होगा। उनके बच्चे कैसे रहेगे । जैसे सरकार दाम बढ़ने शुरू करने की योजना बनती है॥ उससे पहले दूकान दार दाम बढ़ा चुके होते है॥ क्या सरकार ने इतना दाम बढ़ा दिया है॥ कुछ जरुरी चीजे है ॥
केला :५०
सेब:१००
माचिस: १.००
दूध: ३६.००
सिगरेट: ४ का एक सिगरेट छोटी गोल्ड
ऐसे बहुत से चीजे है। क्या सरकार को यह पावंदी नहीं लगानी चाहिए जितने दाम है उससे ज्यादा लेने कर क्या होगा। लेकिन कैसे होगा। दुनिया चालू है॥ लोग और सरकार दोनों बेईमान है ॥ अब किसान के पास कुछ अधिक हो जाता है तो वह माटी के भाव भी नहीं बिकता है॥ पूर्वी उत्तर प्रदेश के आलू २ रूपये किलो बिक रही है॥ स्टोर में जगह नहीं है॥ अब किसान कितना खर्च किया होगा। कितना किसानो को घाटा आयेगा। य तो किसान मरेगा। य तो पागल हो जाएगा। ऐसे अनेको जगह ख़ास करके दिल्ली में गांजा॥ अफीम चरस खुले बिकते पुलिस को तो हफ्ते मिलते है॥ सरकार मस्त है॥ क्या होगा हमारे देश हे नेताओं य तो तुम देश की राजनीती छोड़ दो ॥ य तो सुधर जाओ नहीं तो॥ हमारा देश तवाह हो जाएगा। गरीब गरीब ही रह जायेगे॥ तुम लोग कब तक जनता के जेब खाली करते रहोगे॥ जनता जब जागती है ॥ तो क्या होता है॥ तुम लोग जानते हो॥ वह दिन आयेगा तो क्या होगा। इंसान बनो देश की तथा देश के लोगो के बारे में सोचो अपने बारे में मत सोचो तुम्हे तो तुम्हारे मेहनताने से ७ गुना ज्यादा मिलता है॥

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डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

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