Skip to main content

भाजपा के बड़े नेताओं ने देखा नई कम्प्यूटर तकनीक का प्रदर्शन संगठन ने सरकार को दिखाई मितव्ययिता की राह

मितव्ययिता के लिए नए उपाय तलाश रही मध्य प्रदेश सरकार को अब भाजपा संगठन ने भी खर्च घटाने के उपाय सुझाना शुरू कर दिया है। आमतौर पर सरकार के कामकाज में सीधे हस्तक्षेप से परहेज करने वाली भाजपा ने स्कूली बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा के मामले में मितव्ययिता के साथ सुविधाओं के विस्तार का विकल्प बताया है। भाजपा की यह पहल राज्य सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले कम्प्यूटरों को लेकर है। पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों ने मंगलवार को एक कम्प्यूटर का दस लोगों द्वारा एक साथ इस्तेमाल से संबंधित एक प्रदर्शन देखा।
थिन क्लाइंट टेक्नॉलाजी पर आधारित एक साफ्टवेयर के जरिए न केवल एक बेसिक कम्प्यूटर का एक से अधिक लोग एक साथ उपयोग कर सकते हैं, बल्कि इस तकनीक में काम प्रभावित हुए बिना कम्प्यूटर खरीदी के खर्च में 60 प्रतिशत तक कटौती की जा सकती है।
भा.ज.पा. प्रदेशाध्यक्ष माननीय नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन महामंत्री माखन सिंह, दोनों सह संगठन महामंत्री भगतशरण माथुर और अरविंद मेनन के साथ ही भा.ज.पा. प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र सिंह सिसोदिया ने इस तकनीक को उपयोगी माना। कुछ अधिकारियों को भी इस तकनीक के प्रदर्शन के मौके पर बुलाया गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हुई मुलाकात में भा.ज.पा प्रदेश अध्यक्ष माननीय नरेंद्र सिंह तोमर जी ने उन्हें भी कम खर्च में कम्प्यूटर नेटवर्किंग के अधिक संसाधन जुटाने की इस नई तकनीक से अवगत कराया।
पार्टी की सोच है कि आईसीटी योजना के तहत हायर सेकेण्डरी तथा हाई स्कूलों के लिए बड़े पैमाने पर होने वाली कम्प्यूटर खरीदी सहित भविष्य में होने वाली सरकारी खरीद में ऐसी तकनीकी अपना कर बड़ी बचत की जा सकती है। इसके लिए आंध्रप्रदेश का उदाहरण दिया जा रहा है, जहां नई तकनीक के जरिए कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा स्कूली बच्चों को कम्प्यूटर मुहैया कराए गए हैं।
बहुत सी सरकारी योजनाओं में स्कूलों के लिए कम्प्यूटरों की खरीदी होती है। सरकार की योजना में प्रत्येक स्कूल को 25-25 कम्प्यूटर तक दिए जाते हैं। परंपरागत तरीके से होने वाली इस खरीदी में एक कम्प्यूटर पर एक समय में एक विद्यार्थी ही काम कर सकेगा। जबकि एक नए हार्डवेयर और साफ्टवेयर के उपयोग से उसी वक्त पांच से दस विद्यार्थी एक साथ लाभान्वित हो सकेंगे।
ऐसे जुड़ेंगे कम्प्यूटर : कम्प्यूटर तकनीकी के इस नए प्रयोग में एक बेसिक कम्प्यूटर मशीन के जरिए दस लोग एक साथ कम्प्यूटर पर काम कर सकते हैं। थिन क्लाइंट टेक्नॉलाजी में कम्यूटर का मुख्य भाग सीपीयू एक ही होता है और उससे दो से दस मानीटर, की बोर्ड और माउस आदि जोड़ कर प्रत्येक को अलग-अलग कम्प्यूटर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। दुनिया के 140 देशों में इस तकनीक का प्रयोग हो रहा है।

वन्दे मातरम

सचिन खरे
प्रदेश महामंत्री
सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ
भारतीय जनता पार्टी - मध्य प्रदेश

आगे पढ़ें के आगे यहाँ

Comments

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा