बाप खुशी के मारा फूला नी समात बा। बाटय वैसे बानी । की उनका लैका दिल्ली से ऍम बीऐ करत बानी अब दुआरे देख्वारन कय भीड़ जुटी बा॥ बाप कहत बा की भैया हमतव चार पहिया वाली गाड़ी लेवे काहे से की हमरा लरिकवा दिल्ली मा padhat बा। और ५ लाख फीस देले बानी॥ अब कइका कय कहानी सूना दिल्ली आय के ओहका दिल्ली कय पानी लाग गवा। अब पढाई वाद्हायी नइखे करत बा। अब लड़की के चक्कर मा घुमत बानी बाप कय रूपया उड़ावत बानी लेकिन रूपया कम पड़ गे बानी लड़की कय फरमाइश नखे पूरा होत बा। अब लरिका परेशान होत बा। लरिका कय मुलाक़ात दिल्ली के एक चोर से हो जाला अब लरिका रात में चैन औरते जो नौकरी पेशा करेले बानी लेके भागात बा। ओहू से बड़ा काम कराले बानी दिल्ली से कार चोरी कय के बाहर बेचत बया lएकं चोरी कय पोल खुल गे बया लरिका दिल्ली के तिहाड़ जेल मा अब बाप जब ख़बर सुनत बनी तो माना पहाड़ टूट परल बेहोश हो गा। और अनाप सनाप बकत बया। बेतवा के कारण बाप होई गा बानी॥
एक कहावत याद आयी बया।
जन्मेया पूत तू लोलक लइया॥
बोया धान बहाया पइया॥
एक कहावत याद आयी बया।
जन्मेया पूत तू लोलक लइया॥
बोया धान बहाया पइया॥
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--- संजय सेन सागर