नरसिम्हा राव से मिली थी ढांचा ढहाने की मंजूरी .....
१७ साल बाद शिवसेना नेता ने किया खुलासा
मुलजिम नंबर २१ से के० समीर शाही व स्वतंत्र चेतना समूह के दयाराम अटल की खास बात चीत
६ दिसम्बर १९९२ को अयोध्या के श्री राम जन्म भूमि पर बने तथाकथित बाबरी ढांचा ढाहने की केंद्र सरकार को न सिर्फ पूरी जानकारी थी बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वा० पी० वी० नरसिम्हा राव मनसा वाचा शामिल थे !सूत्रों की माने तो ६ दिसम्बर १९९२ को ढांचा ढहाने के दऊरन तत्कालीन परधानमंत्री पर हिन्दू संगठनों से मेल जोल के जो आरोप थे वे पूरी तरह से सच थे !पूर्व परधानमंत्री नरसिम्हा राव को इस मामले की न सिर्फ पहले से जानकारी थी बल्कि इस खास काम के लिए उन्होंने कुछ खास लोगो से इच्छा भी जताई थी !इसका खुलासा किया है सी० वी० आई० द्वारा थाना रामजन्मभूमि में दर्ज मुकदमा संख्या १९७/व १९८ /९२ सरकार बनाम बाला साहब ठाकरे आदि में अभिउक्त नंबर २१ शिवसेना नेता संतोष दुबे ने !हिन्दू शिवसेना के तत्कालीन प्रदेश प्रमुख ने इतने बर्षो तक इस मामले को क्यों छुपये रखा कोर्ट आदि में क्यों नहीं प्रकट किया !इस सवाल पर लिब्रहान आयोग की सीबीआई कोर्ट में हलफनामा के जरिये ढांचा ढहाने की बात मानने वाले श्री दुबे कहते है की पूर्व प्रधानमंत्री श्री राव की प्रबल इच्छा थी की अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि पर प्रभु श्री राम की मर्यादा के अनुरूप भव्य मंदिर बने आऊर तथाकथित बाबरी ढांचा हटे !१७ बर्ष बाद यह खुलाशा क्यों किया यह पूछने पर उनका कहना था की श्री राव व ब्रह्मदत्त के जीवित रहते न बोलना मेरी विवशता थी !दोनों लोगो से गोपनीयता बनाये रखने का वादा किया था! अब दोनों लोग इस दुनिया में नही है आऊर न ही किसी का राजनैतिक नुकशान होने वाला है !संतोष कहते है की ढांचा ढहाने को लेकर श्री राव से नवम्बर के अंतिम सप्ताह में उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री आवास में करायी गयी थी !इस मुलाकात के समय मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के दूत के रूप में प्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री स्वा० ब्रहमदत्त दिवेदी भी मोजूद थे !शिव सेना के वर्तमान उपप्रमुख संतोष कहते है की राव के साथ हुई बातचीत के समय स्व० दिवेदी भी थे जबकि उनका वाहन चालक जिसकी हत्या हो गयी वह बाहर था!संतोष के मुताबिक श्री राव ढांचे को पूरी तरह ढहाने के प्रति आश्वस्त होना चाहते थे !आऊर श्री राव को विश्वास दलने के लिए ही दिवेदी उन्हें लेकर वंहा गए थे !संतोष कहते है की वार्ता के समय राव ने उनसे पूछा की इस बार समस्या खत्म हो जायेगी! योजना में कही कोई कमी तो नही है तुम्हारे सभी साथी योजना को अंजाम देंगे !आदि तीन चार सवाल बड़े ही नपे तुले अंदाज़ में किये !जबकि श्री दिवेदी से लगभग ३५ मिनट अंग्रेजी में बात चीत हुई !संतोष का कहना है यही नही राव ने लक्ष्य पूर्ति के लिए न सिर्फ धन उपलब्ध कराया बल्कि एक खास तेलेफोने नम्बर भी खास कोड के साथ दिया हलाकि उनसे दुबारा बात करने की नोबत ही नही आई !राव से बात होने के बाद हम लोग योजना को मूर्त रूप देने में लग गए !जिसकी परिणाम ६ दिसम्बर को ढांचा ढहाने से हुआ !श्री दुबे कहते है की राव उनकी मुलाकात बेहद गुप्त थी !५ दिसम्बर को हम लोग शाम को पहले से चिन्हित स्थलों पर मोजूद हो गए !६ दिसम्बर को अयोध्या में क्या हुआ इसे पूरी दुनिया ने देखा !साप्ताहिक पत्रिका आउटलुक के २३ जून २००३ के अंक पर गोर करे तो इस बात की पुष्टि६ दिसम्बर १९९२ को फैजाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व दो बार सांसद रहे स्व० डी० बी० रोय ने भी की थी ! कुंवर समीर शाही
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर