लखनऊ. उत्तरप्रदेश डिग्री कॉलेजों के प्रधानाचार्यो की एशोसिएशन ने आज सोमवार को एक बड़ा फैसला करते हुए आगामी 1 जुलाई से शुरु होने वाले सत्र के लिए कॉलेजों में लड़कियों के लिए नया ड्रेस कोड लागू कर दिया है। इस ड्रेस कोड के अनुसार अब कोई भी लड़की कॉलेज में जींस - टी शर्ट पहनकर नहीं आ सकती है तथा अपने साथ मोबाइल फोन भी कॉलेज में नहीं ला सकती है।सभी सरकारी डिग्री कॉलेजो को इस नियम का पालन करना होगा उत्तरप्रदेश डिग्री कॉलेजों के प्रधानाचार्यो के इस नए फैसले को सभी सरकारी डिग्री कॉलेजो में लागू किया जाएगा।क्यों लिया यह फैसलाप्रधानाचार्यो की संस्था ने कहा कि चूंकि प्रदेश में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं है इसलिए यह फैसला लिया गया है।गौरतलब है कि कुछ समय पहले कानपुर के कुछ कॉलेजों ने भी इसी तरह का फैसला लेते हुए लड़कियों के लिए ड्रेस कोड लागू करते हुए जींस और टी शर्ट पहनने पर रोक लगा दिया था।
क्या लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी की घटनाओं में उनकी वेशभूषा से फर्क पड़ता है? क्या जींस - टी शर्ट पहनने वाली लड़कियां सलवार शूट पहनने वाली लड़कियों की अपेक्षा छेड़खानी की ज्यादा शिकार होती है? क्या कॉलेज में एक लड़की को मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगाना सहीं है? आखिर इस महत्वपूर्ण मसले पर आपकी क्या रॉय है हमें लिख भेजें:
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हां , बेष भूशा का फ़र्क पडता है। अगर न पडता होता तो ये लोग क्यों इतने बेश भूषा -कोन्शिअस होते? करिअर-सलाहकार रोज रोज अच्छी द्रेस्स की सलाह इन्तेर्व्यु में क्यो देते?
ReplyDeleteकालेजो ने यह बहुत अच्छा कदम उठाया है।
जीन्स, टाप व खुले बाल--की एक ही बहुत अच्छी सहूलियत है कि --छत, घास, लान, टेबल, धूल भरी जगह कहीं भी लेटा जा सकता है, कुछ श्रन्गार बिगडने का डर नहीं।