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लो क सं घ र्ष !: नयी पीढ़ी कैसे शिक्षित होगी

हमारे समाज में बेरोजगारी अत्याधिक है दूसरी तरफ शिक्षण संस्थाओ में शिक्षा देने के लिए शिक्षकों का भी अभाव हैसरकार ने अध्यापकों के सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष तक करने का प्रस्ताव रखा और विश्वविद्यालयों में 70 साल तक की उम्र के अध्यापक अध्यापन कार्य कर सकेंगेसरकार नयी पीढ़ी को तैयार करने की जिम्मेदारी से हट रही है और इस तरह के प्रयोगों से शिक्षा का स्तर गिरेगा और आने वाली पीढ़ी का भी भविष्य अच्छा नहीं होगाउत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोगों के कारण कक्षा पांच का छात्र अंगूठा लगा कर छात्रवृत्ति प्राप्त करता है उसका मुख्य कारण यह है कि बेसिक विद्यालयों में अध्यापक की नियुक्त ही नहीं हैशिक्षा मित्रों का प्रयोग भाजपा सरकार ने किया उसके पीछे मंशा यह थी कि 2000 रुपये में हम अध्यापक रखेंगे और सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करेंगे अब सरकार शिक्षा मित्रों को ही कुछ प्रशिक्षण देकर स्थाई नियुक्ति करने की मंशा व्यक्त कर चुकी हैउसी तरह केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ा रही हैजिससे शिक्षा व्यवस्था और पतन की तरफ बढ़ेगीनिजी क्षेत्र के शिक्षा संस्थान चाहे वह मेडिकल हों या टेक्निकल कोई भी संस्थान मानक के अनुसार काम नहीं कर रहा है उनसे निकलने वाले छात्र ज्ञान में अधकचरे होते हैं हद तो यहाँ तक हो गयी है कि उत्तर प्रदेश के अन्दर कोई भी राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज मानक के अनुसार शिक्षण कार्य नहीं कर रहा हैवहां भी अध्यापकों की कमी है अच्छा यह होगा की नयी पीढ़ी के निर्माण के लिए योग्य अध्यापकों की भर्ती की जाए तथा मानक के अनुसार प्रशिक्षित अध्यापक तैयार किए जाएँयदि यह काम प्राथमिकता के आधार पर नहीं किया गया तो शिक्षा व्यवस्था और अधिक अस्त-व्यस्त हो जाएगी

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

Comments

  1. yahi hal chikitsa ka hai. dur dur tak gaon me doctors nahi hain.

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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