- रिपोर्ट : मीडियाखबर.कॉम, 24-Dec-09
राखी सावंत आजतक पर एक बार फिर से थी. राखी से 'खास मुलाकात' कार्यक्रम में एक्सक्लूसिव बातचीत की जा रही थी. सवाल पूछने के लिए उनके सामने बैठे थे - प्रभु चावला. कार्यक्रम शुरू होता है और अपने चिर परिचित अंदाज में वे कहते हैं - मैं हूँ प्रभु चावला.आज की खास मुलाकात में खास मेहमान हैं केवल अपने किस्म की एक भारतीय नारी राखी सावंत. आपका बहुत - बहुत स्वागत है. यह कहते-कहते प्रभु चावला पूरी खुशमिजाजी दिखाते हैं. हमेशा की तरह बोल्ड और बिंदास कपड़ों में लिपटी राखी भी नमस्कार से जवाब देती हैं और इंटरव्यू का सिलसिला शुरू हो जाता है.
प्रभु चावला का पहला सवाल - आप भारतीय नारी हो ?
राखी का जवाब - भारतीय नारी कहिये मुझे. सब पर भारी कहिये. भारतीय नारी सब पर भारी ....
प्रभु चावला का अगला सवाल - आजकल राखी सावंत क्या हैं? आपका स्टेट्स क्या है?
राखी का जवाब - मैं आजकल सिर्फ प्रभु चावला जी की फेवरिट हूँ…
आप समझ रहे होंगे कि राखी का यह कोई पैंतरा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. वाकई में राखी सावंत - आजतक और प्रभु चावला के फेवरेट हैं. यह सांतवा मौका था जब राखी से प्रभु चावला बातचीत कर रहे थे. आखिर राखी क्यों इतनी महत्वपूर्ण हो गयी. सीधा जवाब है कि राखी से वो सारे मसाले मिलते है जिसकी तलाश में न्यूज़ चैनल रहते हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है.
लेकिन सवाल यहाँ पर प्रभु चावला जैसा वरिष्ठ पत्रकार का बार - बार राखी से बातचीत करने का है. उनके जैसे वरिष्ठ पत्रकार को क्या यह शोभा देता है कि वे राखी से उसके ब्वाय फ्रेंड और मंगेतर के बारे में बातचीत करें. राखी ने कब किसको 'किस' किया उसके बारे में पूछे. यह सवाल करें कि आपने इलियेश को पहचान लिया लेकिन अब क्या फायदा आप तो लूट गयी. क्या ऐसे सवाल और ऐसे इंटरव्यू लेना प्रभु चावला को हल्का नहीं बना रहा है.
आजतक पर उनकी जो प्रोफाइल है वो कुछ इस तरह है :
प्रभु चावला इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे ग्रुप के संपादकीय निदेशक हैं. रिपोर्टर और संपादक के तौर पर 25 साल में इन्होंकने ऐसी घटनाओं पर व्या पक ढंग से लिखा, जिसने भारतीय राजनीति और इसे संचालित करने वालों की दिशा बदल कर रख दी.
प्रभु ने इंडिया टुडे के प्रादेशिक संस्कंरणों को हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और बंगाली भाषाओं में आरंभ किया. इसके अलावा प्रभु 'आज तक' पर प्रसारित होने वाले साप्तातहिक टॉक शो 'सीधी बात' के एंकर भी हैं. प्रभु द्वारा राजनीति, व्या पार और संस्कृिति के क्षेत्र में खबर बनाने वालों का अनोखे तरीके से किए गए एनकाउंटर के चलते यह भारतीय टेलीविजन में सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम बन गया है.
इंडिया टुडे में शामिल होने से पहले प्रभु चावला दिल्लीव विश्वधविद्यालय में अर्थशास्त्रक के व्याख्याता थे. ये 'द इंडियन एक्सलप्रेस' और 'फाइनेंशियल एक्सिप्रेस' के संपादक भी रह चुके हैं. इन्होंयने समसामयिक घटनाओं व खोजी रिपोर्टिग में 'जीके रेड्डी मेमोरियल अवॉर्ड' और पत्रकारिता में उत्कृसष्ट प्रदर्शन के लिए 'फिरोज गांधी मेमोरियल अवॉर्ड' समेत कई राष्ट्री य पुरस्कािरों को अपने नाम किया है. इन्हेंल 2003 में 'पद्मभूषण' पुरस्का र से भी सम्मानित किया जा चुका है.
प्रभु चावला के इस प्रोफाइल को देखकर उनके काबिलियत पर कोई ऊँगली नहीं उठाई जा सकती है. लेकिन राखी सावंत और उस जैसे कई इंटरव्यू लेकर और हलके-फुल्के सवाल पूछकर वे अपने आप को हल्का ही बना रहे हैं. देशमें ऐसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे है जिनपर प्रभु चावला नेताओं की टांग खींच सकते हैं. बेहतर तरीके से मुद्दे को उठा सकते हैं जैसी कि उन जैसी वरिष्ठ पत्रकार से अपेक्षा भी रहती है. लेकिन ऐसे मुद्दों की बजाये वे राखी सावंत का इंटरव्यू लेने में लगे हुए. इसे प्रभु चावला का राखी प्रेम नहीं तो और क्या कहेंगे. यदि कोई एंकर ऐसा करता है तो ठीक लगता है. उसका वह काम भी है और कई बार मजबूरी भी. लेकिन प्रभु चावला की क्या मजबूरी हो सकती है ? प्रभु चावला जैसे वरिष्ठ पत्रकार को ऐसे इंटरव्यू और ऐसे सवाल - जवाब करना शोभा नहीं देता.
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राखी सावंत आजतक पर एक बार फिर से थी. राखी से 'खास मुलाकात' कार्यक्रम में एक्सक्लूसिव बातचीत की जा रही थी. सवाल पूछने के लिए उनके सामने बैठे थे - प्रभु चावला. कार्यक्रम शुरू होता है और अपने चिर परिचित अंदाज में वे कहते हैं - मैं हूँ प्रभु चावला.आज की खास मुलाकात में खास मेहमान हैं केवल अपने किस्म की एक भारतीय नारी राखी सावंत. आपका बहुत - बहुत स्वागत है. यह कहते-कहते प्रभु चावला पूरी खुशमिजाजी दिखाते हैं. हमेशा की तरह बोल्ड और बिंदास कपड़ों में लिपटी राखी भी नमस्कार से जवाब देती हैं और इंटरव्यू का सिलसिला शुरू हो जाता है.
प्रभु चावला का पहला सवाल - आप भारतीय नारी हो ?
राखी का जवाब - भारतीय नारी कहिये मुझे. सब पर भारी कहिये. भारतीय नारी सब पर भारी ....
प्रभु चावला का अगला सवाल - आजकल राखी सावंत क्या हैं? आपका स्टेट्स क्या है?
राखी का जवाब - मैं आजकल सिर्फ प्रभु चावला जी की फेवरिट हूँ…
आप समझ रहे होंगे कि राखी का यह कोई पैंतरा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. वाकई में राखी सावंत - आजतक और प्रभु चावला के फेवरेट हैं. यह सांतवा मौका था जब राखी से प्रभु चावला बातचीत कर रहे थे. आखिर राखी क्यों इतनी महत्वपूर्ण हो गयी. सीधा जवाब है कि राखी से वो सारे मसाले मिलते है जिसकी तलाश में न्यूज़ चैनल रहते हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है.
लेकिन सवाल यहाँ पर प्रभु चावला जैसा वरिष्ठ पत्रकार का बार - बार राखी से बातचीत करने का है. उनके जैसे वरिष्ठ पत्रकार को क्या यह शोभा देता है कि वे राखी से उसके ब्वाय फ्रेंड और मंगेतर के बारे में बातचीत करें. राखी ने कब किसको 'किस' किया उसके बारे में पूछे. यह सवाल करें कि आपने इलियेश को पहचान लिया लेकिन अब क्या फायदा आप तो लूट गयी. क्या ऐसे सवाल और ऐसे इंटरव्यू लेना प्रभु चावला को हल्का नहीं बना रहा है.
आजतक पर उनकी जो प्रोफाइल है वो कुछ इस तरह है :
प्रभु चावला इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे ग्रुप के संपादकीय निदेशक हैं. रिपोर्टर और संपादक के तौर पर 25 साल में इन्होंकने ऐसी घटनाओं पर व्या पक ढंग से लिखा, जिसने भारतीय राजनीति और इसे संचालित करने वालों की दिशा बदल कर रख दी.
प्रभु ने इंडिया टुडे के प्रादेशिक संस्कंरणों को हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और बंगाली भाषाओं में आरंभ किया. इसके अलावा प्रभु 'आज तक' पर प्रसारित होने वाले साप्तातहिक टॉक शो 'सीधी बात' के एंकर भी हैं. प्रभु द्वारा राजनीति, व्या पार और संस्कृिति के क्षेत्र में खबर बनाने वालों का अनोखे तरीके से किए गए एनकाउंटर के चलते यह भारतीय टेलीविजन में सबसे अधिक देखा जाने वाला कार्यक्रम बन गया है.
इंडिया टुडे में शामिल होने से पहले प्रभु चावला दिल्लीव विश्वधविद्यालय में अर्थशास्त्रक के व्याख्याता थे. ये 'द इंडियन एक्सलप्रेस' और 'फाइनेंशियल एक्सिप्रेस' के संपादक भी रह चुके हैं. इन्होंयने समसामयिक घटनाओं व खोजी रिपोर्टिग में 'जीके रेड्डी मेमोरियल अवॉर्ड' और पत्रकारिता में उत्कृसष्ट प्रदर्शन के लिए 'फिरोज गांधी मेमोरियल अवॉर्ड' समेत कई राष्ट्री य पुरस्कािरों को अपने नाम किया है. इन्हेंल 2003 में 'पद्मभूषण' पुरस्का र से भी सम्मानित किया जा चुका है.
प्रभु चावला के इस प्रोफाइल को देखकर उनके काबिलियत पर कोई ऊँगली नहीं उठाई जा सकती है. लेकिन राखी सावंत और उस जैसे कई इंटरव्यू लेकर और हलके-फुल्के सवाल पूछकर वे अपने आप को हल्का ही बना रहे हैं. देशमें ऐसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे है जिनपर प्रभु चावला नेताओं की टांग खींच सकते हैं. बेहतर तरीके से मुद्दे को उठा सकते हैं जैसी कि उन जैसी वरिष्ठ पत्रकार से अपेक्षा भी रहती है. लेकिन ऐसे मुद्दों की बजाये वे राखी सावंत का इंटरव्यू लेने में लगे हुए. इसे प्रभु चावला का राखी प्रेम नहीं तो और क्या कहेंगे. यदि कोई एंकर ऐसा करता है तो ठीक लगता है. उसका वह काम भी है और कई बार मजबूरी भी. लेकिन प्रभु चावला की क्या मजबूरी हो सकती है ? प्रभु चावला जैसे वरिष्ठ पत्रकार को ऐसे इंटरव्यू और ऐसे सवाल - जवाब करना शोभा नहीं देता.
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media ko chada hua Rakhi sawant or gandhi parivar ka bukhar jab tak nahi utarta tab tak koi umeed nahi--------sunilparbhakar111@gmail.com
ReplyDeleteसब पैसे का खेल है भाई ।
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