राम निर्माण कैसे होगा? मंदिर
अभी कार्तिक मेले के अवसर पर अयोध्या में मुझे एक संत जी मिले !राम मंदिर के आन्दोलन में बड़ा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था उन्होंने ,बातो के सहज क्रम में मैंने उनसे पूछा की मंदिर कब बनवा रहे है !सुनते ही वह भड़क गए विश्व हिन्दू परिषद् व भाजपा पर उन्होंने जम कर भडास निकाली !बोले सब धोखेबाज है,मंदिर का पैसा खा गए !इन लोगो ने भोले भले हिन्दुओ के विश्वास के साथ छल किया है !वे संत जी तो अपना गुबार निकल कर चले गए मगर मामला विचारनिए है ! जिस राम मंदिर को भुनाकर भाजपा ने अपने सांसदों की संख्या २ से बढाकर १८२ तक के गयी ,उसी राम मंदिर निर्माण के लिए अब उसके पास सिर्फ लफ्फाजी रह गयी है !जिस राम मंदिर मुद्दे को हिंदुत्व ,भारतीये संस्कृत ,ओर न जाने किन किन चीजों का प्रतीक बताकर विश्व हिन्दू परिषद् देश की सासे १५ साल तक अटकाए रखा उसी राम मंदिर निर्माण के लिए अब उसके पास फंड खत्म हो गया है !कोई मानेगा ?कंहा गयी वो सोने की ईटे ?कंहा गया वो वो सारा फंड जो फ्रिएंड्स ऑफ़ बीजेपी के नाम पर बिदेशो से आया था !देश व बिदेश से करीब २० सालो तक मंदिर निर्माण के लिए चंदा वसूला गया ,क्या विश्व हिन्दू परिषद् ने कभी उसका खुलाशा किया ,वर्ष २००८ में राम जन्म भूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा था की मंदिर निर्माण कार्य के लिए पैसो का अभाव है ,अशोक सिंघल व परवीन तोगडिया का कहना है की मंदिर निर्माण के लिए कुल ८ करोड़ चन्दा जमा किया गया था !जो खत्म हो गया ,चूकि चंदे का हिसाब कभी दिया नही गया इसलिए वास्तविक राशिः की पुष्टि होना संभव नही है ,शिला पूजन ,पादुका वितरण ,मूर्ति वितरण ,जैसे कार्यकर्मो पर करोडो खर्चने वाली विहिप का यह कहना की चंदे में मात्र ८ करोड़ रूपये आये छल के सिवा कुच्छ नही है ! इसे मान भी लिया जाये तो भी कुछ ठोस कारन ऐसे है जिनसे पता चलता है की अब राम मंदिर का निर्माण संभव नही है !इनमे मुख्य है विहिप व भाजपा का मंदिर मुद्दे पर मत भेद ,भाजपा का की समस्या है की उसे धर्म निरपेक्षता का लेबल भी चाहिये -जिसके लिए मुस्लिमो का वोट चाहिए ,ओर मंदिर का सहारा भी ,ताकि हिन्दू खुश हो जाये !वही विहिप ऐसे किसी भी लेबल के लिए उतावली नही है ,भाजपा के रंग बदलने के बाद बिहिप का भी जोश ठंडा पद गया तभी तो अशोक सिंघल आडवानी के ऊपर कई बार हिन्दुओ से धोखा करने का आरोप लगा चुके है ,मंदिर निर्माण से जुड़े लाखो लोगो पर क्या बीतेगी इसकी चिंता न बिहिप ने कई न भाजपा ने !इधर अयोध्या स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में काम बंद हो चूका है ।अब इन सब गतिविधियो से पता चल गया है कई राम मंदिर निर्माण भविष्य में भी संभव नही है ! उपरोक्त बात का आभास तो १९९२ में छपे एक सक्षात्कार से ही हो गया था जिसमे उन्होंने स्पस्ट कहा था की "मंदिर तो बहाना है ,दिल्ली निशाना है ।"७ साल बाद उनकी बात सच हो गयी !इतना ही नही भाजपा प्रमुख राजनाथ सिंह ने ११ फरवरी २००९ को बी ।बी सी. को दिए अपने बयान में भी कह चुके है की "अयोध्या में ढांचा गिराया गया था !वह बाबरी मस्जिद नही थी ,वंहा नमाज़ नही पढ़ी जाती थी ,वंहा राम मंदिर पहले से था !ऐसा ही था तो एक जर्जर ढांचे को गिरना किस संस्कृत का प्रतीक था ?ओर राम मंदिर पहले से है तो अब क्या बनाना है ?
कुंवर समीर शाही पत्रकार दैनिक स्वतंत्र चेतना ,अयोध्या
अभी कार्तिक मेले के अवसर पर अयोध्या में मुझे एक संत जी मिले !राम मंदिर के आन्दोलन में बड़ा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था उन्होंने ,बातो के सहज क्रम में मैंने उनसे पूछा की मंदिर कब बनवा रहे है !सुनते ही वह भड़क गए विश्व हिन्दू परिषद् व भाजपा पर उन्होंने जम कर भडास निकाली !बोले सब धोखेबाज है,मंदिर का पैसा खा गए !इन लोगो ने भोले भले हिन्दुओ के विश्वास के साथ छल किया है !वे संत जी तो अपना गुबार निकल कर चले गए मगर मामला विचारनिए है ! जिस राम मंदिर को भुनाकर भाजपा ने अपने सांसदों की संख्या २ से बढाकर १८२ तक के गयी ,उसी राम मंदिर निर्माण के लिए अब उसके पास सिर्फ लफ्फाजी रह गयी है !जिस राम मंदिर मुद्दे को हिंदुत्व ,भारतीये संस्कृत ,ओर न जाने किन किन चीजों का प्रतीक बताकर विश्व हिन्दू परिषद् देश की सासे १५ साल तक अटकाए रखा उसी राम मंदिर निर्माण के लिए अब उसके पास फंड खत्म हो गया है !कोई मानेगा ?कंहा गयी वो सोने की ईटे ?कंहा गया वो वो सारा फंड जो फ्रिएंड्स ऑफ़ बीजेपी के नाम पर बिदेशो से आया था !देश व बिदेश से करीब २० सालो तक मंदिर निर्माण के लिए चंदा वसूला गया ,क्या विश्व हिन्दू परिषद् ने कभी उसका खुलाशा किया ,वर्ष २००८ में राम जन्म भूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा था की मंदिर निर्माण कार्य के लिए पैसो का अभाव है ,अशोक सिंघल व परवीन तोगडिया का कहना है की मंदिर निर्माण के लिए कुल ८ करोड़ चन्दा जमा किया गया था !जो खत्म हो गया ,चूकि चंदे का हिसाब कभी दिया नही गया इसलिए वास्तविक राशिः की पुष्टि होना संभव नही है ,शिला पूजन ,पादुका वितरण ,मूर्ति वितरण ,जैसे कार्यकर्मो पर करोडो खर्चने वाली विहिप का यह कहना की चंदे में मात्र ८ करोड़ रूपये आये छल के सिवा कुच्छ नही है ! इसे मान भी लिया जाये तो भी कुछ ठोस कारन ऐसे है जिनसे पता चलता है की अब राम मंदिर का निर्माण संभव नही है !इनमे मुख्य है विहिप व भाजपा का मंदिर मुद्दे पर मत भेद ,भाजपा का की समस्या है की उसे धर्म निरपेक्षता का लेबल भी चाहिये -जिसके लिए मुस्लिमो का वोट चाहिए ,ओर मंदिर का सहारा भी ,ताकि हिन्दू खुश हो जाये !वही विहिप ऐसे किसी भी लेबल के लिए उतावली नही है ,भाजपा के रंग बदलने के बाद बिहिप का भी जोश ठंडा पद गया तभी तो अशोक सिंघल आडवानी के ऊपर कई बार हिन्दुओ से धोखा करने का आरोप लगा चुके है ,मंदिर निर्माण से जुड़े लाखो लोगो पर क्या बीतेगी इसकी चिंता न बिहिप ने कई न भाजपा ने !इधर अयोध्या स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में काम बंद हो चूका है ।अब इन सब गतिविधियो से पता चल गया है कई राम मंदिर निर्माण भविष्य में भी संभव नही है ! उपरोक्त बात का आभास तो १९९२ में छपे एक सक्षात्कार से ही हो गया था जिसमे उन्होंने स्पस्ट कहा था की "मंदिर तो बहाना है ,दिल्ली निशाना है ।"७ साल बाद उनकी बात सच हो गयी !इतना ही नही भाजपा प्रमुख राजनाथ सिंह ने ११ फरवरी २००९ को बी ।बी सी. को दिए अपने बयान में भी कह चुके है की "अयोध्या में ढांचा गिराया गया था !वह बाबरी मस्जिद नही थी ,वंहा नमाज़ नही पढ़ी जाती थी ,वंहा राम मंदिर पहले से था !ऐसा ही था तो एक जर्जर ढांचे को गिरना किस संस्कृत का प्रतीक था ?ओर राम मंदिर पहले से है तो अब क्या बनाना है ?
कुंवर समीर शाही पत्रकार दैनिक स्वतंत्र चेतना ,अयोध्या
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर