अब तो कुछ तो करिए राम॥
भ्रष्ट हुए दुनिया के अफसर॥
भ्रष्ट करेगे चारो धाम ...........अब तो कुछ तो करिए राम॥
हर चौराहे पाप होत है॥
हर चौराहे लाल सलाम॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
हर दफ्तर में रूपया मांगे॥
हिन्दू हो चाहे इस्लाम॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
बहिन बेटी जब मिले अकेली॥
इश्क का पहले करे आलाप॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
नेता ड्योढी पर जाते ...
चढ़े चढावा गंदा काम॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
भ्रष्ट हुए दुनिया के अफसर॥
भ्रष्ट करेगे चारो धाम ...........अब तो कुछ तो करिए राम॥
हर चौराहे पाप होत है॥
हर चौराहे लाल सलाम॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
हर दफ्तर में रूपया मांगे॥
हिन्दू हो चाहे इस्लाम॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
बहिन बेटी जब मिले अकेली॥
इश्क का पहले करे आलाप॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
नेता ड्योढी पर जाते ...
चढ़े चढावा गंदा काम॥
अब तो कुछ तो करिए राम॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर