आते रहेगे चमचमाते रहेगे॥
सदा तेरी कलियाँ खिलाते रहेगे॥
गीत गाते रहेगे मुस्कुराते रहेगे॥
चमन को बागो में भवरे हज़ार आते है॥
पसंद अपनी चुनते है कभी मायूस जाते है॥
अपने दामन को बचाए जाप करते है॥
बगल से तेरे हजारो बार गुजरते है॥
तेरे संग जीवन बिताते रहेगे॥
सलामे इश्क चढाते ही बुखार आने लगता है॥
तेरी निगाहों से नशा छाने लगता है॥
मुस्कराने पर तेरे गगन मुस्कुरा देता है॥
तिरछी निगाहों से जुल्मी निहार होता है॥
तेरी बगिया में पौधा लगाते रहेगे॥
पाकर उसी में तुझको उड़ने लगा गगन में॥
स्पर्श से तुम्हारे जियरा लगे मगन से॥
सजा के हरदम रखता तेरी मई क्यारी को॥
हवा न आने देता बंद करता मई जाली को॥
तेरी डगर पर पुष्प जल बिछाते रहेगे॥
सदा तेरी कलियाँ खिलाते रहेगे॥
गीत गाते रहेगे मुस्कुराते रहेगे॥
चमन को बागो में भवरे हज़ार आते है॥
पसंद अपनी चुनते है कभी मायूस जाते है॥
अपने दामन को बचाए जाप करते है॥
बगल से तेरे हजारो बार गुजरते है॥
तेरे संग जीवन बिताते रहेगे॥
सलामे इश्क चढाते ही बुखार आने लगता है॥
तेरी निगाहों से नशा छाने लगता है॥
मुस्कराने पर तेरे गगन मुस्कुरा देता है॥
तिरछी निगाहों से जुल्मी निहार होता है॥
तेरी बगिया में पौधा लगाते रहेगे॥
पाकर उसी में तुझको उड़ने लगा गगन में॥
स्पर्श से तुम्हारे जियरा लगे मगन से॥
सजा के हरदम रखता तेरी मई क्यारी को॥
हवा न आने देता बंद करता मई जाली को॥
तेरी डगर पर पुष्प जल बिछाते रहेगे॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर