वो जो मिलता रहा बहाने से
पास आता नही बुलाने से
लाख छुपने की कोशिशें कर लें
प्यार छुपता नही छुपाने से
वो मिलता रहा अकेले में
अब बताता फिरे ज़माने से
मुझसे रूठा तो पास था मेरे
दूर होने लगा मनाने से
जाम पीता था होश रहता था
बा ख़बर हूँ मै ना पिलाने से
उसके दरपर जो सर झुके "अलीम"
अब उठता नही उठाने से
पास आता नही बुलाने से
लाख छुपने की कोशिशें कर लें
प्यार छुपता नही छुपाने से
वो मिलता रहा अकेले में
अब बताता फिरे ज़माने से
मुझसे रूठा तो पास था मेरे
दूर होने लगा मनाने से
जाम पीता था होश रहता था
बा ख़बर हूँ मै ना पिलाने से
उसके दरपर जो सर झुके "अलीम"
अब उठता नही उठाने से
Alfaaz nahee mil rahe..kya kahun?
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://lalitlekh.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogpot.com