दुनिया मेरी
छोटी सी है
कई मायनों में
फिर भी
लोगों से बड़ी ........
नहीं निर्धारित होती
अपनों की सीमा
यहाँ रिश्तों से
वह हर कोई
अपना है यहाँ
नहीं लगता जो पराया
खुश रहने के मौके
अपेक्षाकृत ज्यादा है यहाँ
खुशियों के मायने
निहित जो राते हैं
अपनी हार
और दूसरों की जीत में ।
नहीं झरते
आंसू यहाँ
ख़ुद के दर्द से
बहती रहती है
अश्रुओं की अविरल धारा
देखकर मायूसी
औरों की आंखों की
नहीं होता जीवन का
कोई एक ध्येय यहाँ
पूरा होने पर
एक के
शुरू हो जाती है जद्दोजहद
दूसरे के लिए
इसलिए छोटा होकर भी
बड़ा लगता है
जीवन यहाँ .......
आरती "आस्था "
छोटी सी है
कई मायनों में
फिर भी
लोगों से बड़ी ........
नहीं निर्धारित होती
अपनों की सीमा
यहाँ रिश्तों से
वह हर कोई
अपना है यहाँ
नहीं लगता जो पराया
खुश रहने के मौके
अपेक्षाकृत ज्यादा है यहाँ
खुशियों के मायने
निहित जो राते हैं
अपनी हार
और दूसरों की जीत में ।
नहीं झरते
आंसू यहाँ
ख़ुद के दर्द से
बहती रहती है
अश्रुओं की अविरल धारा
देखकर मायूसी
औरों की आंखों की
नहीं होता जीवन का
कोई एक ध्येय यहाँ
पूरा होने पर
एक के
शुरू हो जाती है जद्दोजहद
दूसरे के लिए
इसलिए छोटा होकर भी
बड़ा लगता है
जीवन यहाँ .......
आरती "आस्था "
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर