हम भारत के सरल किसान है॥
हम सीधे साधे इंसान है॥
हम पढ़े लिखे भी गत के है॥
हम अत्याचारी को पटके है॥
हम मेहनत के प्रेम पुजारी है॥
हम खेती के रम्हे खिलाड़ी है॥
हम आदर्श पुरूष के नाती है॥
हम सच्चे मानव के जाती है॥
हम भेदभाव नही करते है॥
हम बेईमानी से डरते है॥
हम मेहनत की रोटी खाते है॥
हम भूखे गरीब को खिलाते है॥
हम दुश्मन के लिए ६ फिरा है॥
हम पक्के सम्भंधो के गहरा है॥
हम देश प्रेमी के बालक है॥
हम अपने देश के चालाक है॥
हम सीधे साधे इंसान है॥
हम पढ़े लिखे भी गत के है॥
हम अत्याचारी को पटके है॥
हम मेहनत के प्रेम पुजारी है॥
हम खेती के रम्हे खिलाड़ी है॥
हम आदर्श पुरूष के नाती है॥
हम सच्चे मानव के जाती है॥
हम भेदभाव नही करते है॥
हम बेईमानी से डरते है॥
हम मेहनत की रोटी खाते है॥
हम भूखे गरीब को खिलाते है॥
हम दुश्मन के लिए ६ फिरा है॥
हम पक्के सम्भंधो के गहरा है॥
हम देश प्रेमी के बालक है॥
हम अपने देश के चालाक है॥
बिल्कुल सही कहा है आपने । आप इस धरती के सच्चे इंसान है । धरती माता के संतान है । आप ही इस देश के चालक है । अच्छा लगा। आभार
ReplyDeletethakyou sir....
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