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बादू काम कई चीज़,,, बबुनी

हे बबुनी बादू बड़े काम कई चीज
तोहरे पीछे भागल दुनिया ॥
राजा होय य रंक फ़कीर ॥ हे बबुनी ...........
धन दौलत भी बिक जाला..है॥
कहू कहू चले शमशीर॥बबुनी.................
तू चाहे तव इज्जत दे दे। तू चाहे तो फटे कमीज़ ..बबुनी
तोहरे खातिर दुश्मन मारा ..होहरे खातिर मार मीत॥ बबुनी ॥
तू चाहे तो कुल तर जाए .तू चाहे मागवा दे भीख ...बबुनी
होहरे कहले से करू लडाई तोहरे कहने से मारू तीर..बबुनी
तेरा स्वाद है बड़ा निराला तू चावल की जैसी खीर...
हे बबुनी बादू बड़े काम कई चीज
तोहरे पीछे भागल दुनिया ॥

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ग़ज़ल

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