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कितने कंटक उग आते हैं--

कितने कंटक उग आते हैं
(कारण, कार्य और प्रभाव गीत--यह एक नवीन प्रकार का गीत मैने रचना प्रारम्भ किया है। इसमें कार्य का कारण व उसके प्रभाव का निरूपण किया जाता है )

नीर निराई के अभाव में,
भूमि शुष्क,बंजर हो जाती।

श्रम संरक्षण रहित धरा पर,
कब हरियाली टिक पाती है?
पत्र,पुष्प,फ़ल,धान्य नष्ट हो,
कितने कंटक उग आते है ॥(१)

उचित व्यवस्था नीति नियम बिन,
नष्ट सन्सथायें हो जातीं ।
उचित विचार कर्म से रहित,
जन-मन दूषित हो जाता है।
भ्रष्ट पतित नीच कर्मों के,
कितने कंटक उग आते है ॥(२)

उचित नीति ,निर्देश,उदाहरण,
बिना,भ्रमित यौवन होजाता ।

कुमति,कुसन्ग,कुतर्क भाव- युत,
नव - पीढी, आवेशित रहती ।
मानस में अन्तर्द्वन्द्वों के,
कितने कंटक उग आते हैं ॥(३)

भ्रष्टाचार, अधर्म,अनीति, जब,
समाज़ में प्रश्रय पाजाती ।

तन मन धन से त्रष्त सभी जन,
आशंकित निराश हो जाते ।
जन विरोध के,विविध भाव में,
कितने कंटक उग आते है (४)

भ्रष्ट,कुकर्मी ओर निरन्कुश,
शासक-गण कब धर्म निभाते।

कष्ट व दुख की पराकाष्ठा,
से जन का धीरज-घट भरता।
उग्रवाद,आतन्कवाद के,
कितने कंटक उग आते हैं।(५)

अहंभाव,अग्यान,असत युत,
नर,मन से प्रभु को बिसराता।

माया जग जब साथ न देता,
मन दुख द्वन्द्व देख पछताये।
अन्तर्मन में आत्म ग्लानि के,
कितने कंटक उग आते हैं।(६)





Comments

  1. dhanyvaad, dr.Tripat jee. yadi ek ko bhee,sach lagaa to apanaa prayaas safal samajhataa rahoongaa|

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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

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