Skip to main content

" सूर्य ग्रहण " की दुकानदारी



जब मै ५ वि क्लास में था तब मैंने भी पढ़ा था की " सूर्य ग्रहण " क्या होता है और साथ ही मास्टर जी ने उसे याद भी करवाया था समय बदला मेरी उम्र भी बदली और मै जैसे जैसे बड़ा हुआ " सूर्य ग्रहण " के और भी अन्य मायने मेरे सामने आते चले गए . जैसे किसी ने इसे तंत्र साधना से जोड़ के दिखया तो किसी ने इसे छूत अछूत से जैसा की पुराने ख्यालो के लोग कहते थे की " सूर्य ग्रहण " या किसी भी " ग्रहण " में भोजन नहीं करना चाहिए और " ग्रहण " समाप्ति के पश्चात् नहाकर शुद्ध होना चाहिए और घर को भी शुद्ध करना चाहिए वगैरा - वगैरा ऐसा मै सुनते आ रहा हु पर अब उसके भी मायने लोगो ने बदल डाले. कैसे भला आप मुझसे क्यों पूछ रहे है खुद याद कीजिये जी हा हमारे न्यूज़ चनैल दिन भर भरपूर दुकानदारी में लगे है अब मै तो इसे दुकानदारी ही कहुगा वो इस लिए भी की अब खगोलीय संरचना पर आधारित घटना चक्र को हमें तंत्र , राशिः औ पंडित के माध्यम से समझाने में लगे हमारे "राष्ट्रीय न्यूज़ चनैल " इसके बल बूते अपनी दुकान ही तो चला रहे है , जिस खगोलीय संरचना को वैज्ञानिक पूरी तरह नहीं समझा पाए उसे इन दुकानदारो ने समझा लिया क्यों की उन्हें तो नफा नुकसान राशिः के माध्यम से बताना, दिखान है सो " सूर्य ग्रहण " के सही मायने समझने है तो आपको अंग्रेजी याने A toZ का पूरा ज्ञान होना चाहिए पिछले " सूर्य ग्रहण " तक सब कुछ सिर्फ राशिः और वो भी हिंदी तक ही सीमित था लेकिन इस " सूर्य ग्रहण " में ग्रहों ने बाकायदा अंग्रेजी सिख ली है और अब बात हिंदी तक सीमित नहीं रही इसमें बाकायदा अंग्रेजी वर्ण माला के सहुलिता से आपको " सूर्य ग्रहण " और उसके फायदे , नुकसान , गृह दशा और राशिः का मेल जोल वो भी गणितीय अंको के माध्यम से आपको समझाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है तो ये दुकानदारी नहीं तो क्या है इसमें कुछ वैज्ञानिक दुकाने भी शामिल है जिन्होंने बहुत दुर का पास दिखने का बीडा उठाया है इस तरह की बहुत सी " सूर्य ग्रहण " वाली दुकानों पर इस अनवरत बारिश ने पानी फेर दिया है और वैसे भी निरंतर बारिश की भविष्य वाणी किसी पंडित ने नहीं की थी सो वे अभी तक राशिः और ग्रहों के ही इर्द गिर्द घूम रहे है हो सकता है की इसे अगले " ग्रहण " की भविष्य निधि योजना में शामिल करने का फैसला किया हो फिर इसके माद्यम से भी आपको डरा के दुकानदारी चालू की जा सके
बहरहाल सीधा सा गणित है सूर्य का प्रकाश प्रथ्वी पर क्यों नहीं पहुचता क्यों की सूर्य और प्रथ्वी के बीच कोई आ जाता है बस लो हो गया " सूर्य ग्रहण " अब रही बात वो पुराने लोगो की बातो की " ग्रहण " में भोजन नहीं करना चाहिए और " ग्रहण " समाप्ति पर स्नान करना चाहिए वैगेरा वैगेरा उसका सीधा फंडा था की चुकी " ग्रहण " असामान्य प्रक्रिया है और उस समय सूर्य , प्रथ्वी और चन्द्रमा अपने निर्धरित खगोलीय संरचना प्रक्रिया के प्रतिकूल क्रिया करते है सो इस परिवर्तनिय प्रक्रिया के फल स्वरूप किसी भी प्रकार की घातक किरणों इत्यादि से बचा जा सके इस लिए उन्होंने स्नान की बात कही थी " ग्रहण " जैसी खगोलीय घटना के समय आप सचेत रहे उसे खिलवाड़ न करे इस लिए उस समय ध्यान की बातो पे जोर दिया था .तो पाठक बुधजिवी वर्ग से मेरा अनुरोध है की इसे खगोलीय घटना के रूप में देखे न की इन दुकानदारो के चश्मे से डरे नहीं सतर्कता बरते और उससे सीखने की कोशिश करे " सूर्य ग्रहण " होगा आप भी वही रहेगे मै भी और बाकि सब कुछ भी वैसा ही मिलेगा आपको बस बदलेगा तो दिन

Comments

  1. आपने बहुत सही लिखा अमिताभ जी. हम आज भी अन्धविश्वाशों के साए में जी रहे हैं. दूसरी ओर इनका भरपूर व्यावसायिक उपयोग भी पूरे जोर शोर से किया जा रहा है. शिक्षा सोच को बदलती है लेकिन कभी कभी शिक्षित लोग भी इन धारणाओं से बच नहीं पाते.
    मेरे ब्लॉग पर आने और उत्साह बढाने के लिए आभार.

    ReplyDelete
  2. बहुत सही, यह विग्यान के युग के अन्ध्विश्वास हैं। पुरानी बातों को अन्धविश्वास, नये अन्धविश्वासों को विग्यान???????????????????

    ReplyDelete
  3. आपकी जानकारी काम आई
    सुक्रिया दोस्त

    ReplyDelete
  4. आपकी जानकारी काम आई
    सुक्रिया दोस्त

    ReplyDelete

Post a Comment

आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर

Popular posts from this blog

हाथी धूल क्यो उडाती है?

केहि कारण पान फुलात नही॥? केहि कारण पीपल डोलत पाती॥? केहि कारण गुलर गुप्त फूले ॥? केहि कारण धूल उडावत हाथी॥? मुनि श्राप से पान फुलात नही॥ मुनि वास से पीपल डोलत पाती॥ धन लोभ से गुलर गुप्त फूले ॥ हरी के पग को है ढुधत हाथी..

खुशवंत सिंह की अतृप्त यौन फड़फड़ाहट

अतुल अग्रवाल 'वॉयस ऑफ इंडिया' न्यूज़ चैनल में सीनियर एंकर और 'वीओआई राजस्थान' के हैड हैं। इसके पहले आईबीएन7, ज़ी न्यूज़, डीडी न्यूज़ और न्यूज़24 में काम कर चुके हैं। अतुल अग्रवाल जी का यह लेख समस्त हिन्दुस्तान का दर्द के लेखकों और पाठकों को पढना चाहिए क्योंकि अतुल जी का लेखन बेहद सटीक और समाज की हित की बात करने वाला है तो हम आपके सामने अतुल जी का यह लेख प्रकाशित कर रहे है आशा है आपको पसंद आएगा,इस लेख पर अपनी राय अवश्य भेजें:- 18 अप्रैल के हिन्दुस्तान में खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। चूंकि इन महिलाओं ने संभोग करने के दौरान और बाद मिलने वाली संतुष्टि का सुख नहीं लिया है इसीलिए ये इतनी ज़हरीली हैं। वो आगे लिखते हैं कि मालेगांव बम-धमाके और हिंदू आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद प्रज्ञा सिंह खूबसूरत जवान औरत हैं, मीराबा

Special Offers Newsletter

The Simple Golf Swing Get Your Hands On The "Simple Golf Swing" Training That Has Helped Thousands Of Golfers Improve Their Game–FREE! Get access to the Setup Chapter from the Golf Instruction System that has helped thousands of golfers drop strokes off their handicap. Read More .... Free Numerology Mini-Reading See Why The Shocking Truth In Your Numerology Chart Cannot Tell A Lie Read More .... Free 'Stop Divorce' Course Here you'll learn what to do if the love is gone, the 25 relationship killers and how to avoid letting them poison your relationship, and the double 'D's - discover what these are and how they can eat away at your marriage Read More .... How to get pregnant naturally I Thought I Was Infertile But Contrary To My Doctor's Prediction, I Got Pregnant Twice and Naturally Gave Birth To My Beautiful Healthy Children At Age 43, After Years of "Trying". You Can Too! Here's How Read More .... Professionally