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अपने ही देश में अपमानित हुए डॉ कलाम


जरा सोचिये हम कहाँ जा रहे है और हमें क्या हो गया है ? उसके बाद भी हम सभी गर्व से कहते है हम भारतीय है ... शर्म आनी चाहिए हमें हम सब को मैंने तो अपनी शर्म जाहिर कर दी अ़ब आपकी बारी है ... तारीख २१ ' इंदिरा गांधी अन्तराष्ट्रीय एयरपोटर् , .जनता के प्रतिनिधी कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम , भारतीय मिसाईल कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले डॉ कलाम. जिन्होंने राष्ट्रपति पद ग्रहण कर भारतीय राष्ट्रपति पद का गौरव बढ़या अन्तराष्ट्रीय मंच पर देश को सम्मान दिलाया उनके साथ ऐसा अपमान जनक कृत्य .... शर्मशारकर कर दिया अपने ही देश में ..... देश के राष्ट्रपति को विश्व के सामने शर्मशार कर , इसकी देखा सीखी अब अगर दुसरे देश अपनी सुरक्षा के मद्दे नजर इससे आगे भी कर गुजरे तो इसमें उनकी क्या गलती है
पर बात यही ख़त्म नहीं होती हाल ही के महज २ महीने से देश में चल रहे घटना चक्र पर नजर डाले जो किसी से छुपी नहीं है , जैसे बिहार में ट्रेन में आग जनि ,उसके बाद पंजाब में सिखा गुरु को लेकर की गई तोडा फोड़ ,आग जनि ., और फिर ऊत्तर प्रदेश में हो रहा हंगामा ये सब किसी से छुपा नहीं है , ये सब भी कही न कही अपमान और दुर्व्यवहार से जुडी हुई ही थी तो क्या इन सबो का अपमान देश के अपमान से बड़ा है ? और तो और अभी ये घटना किसी कांग्रेसी या भाजपा के नेता के साथ घटी होती तो सारे देश में अपमान से स्वाभिमान की लहर दौड जाती और हाहाकार मच जाता , जगह - जगह विरोध . नारेबाजी ,चक्का जाम और न जाने क्या क्या होता आप सभी जानते है तो आखिर कोई ये बतायेगा की उसी देश के गौरवशील पूर्व राष्ट्रपति के अपमान के बाद स्वाभिमान के ठेकेदार कहाँ नदारद है कहाँ है वो देश प्रेमी, देश भक्त , कहाँ है राष्ट्रीयता की दुहाई देने वाले सभी राजनैतिक दल, वो सारे झंडे - डंडे जो हर स्वाभिमान की लडाई के गवाह है जिन्होंने सड़क से संसद तक सिर्फ यही काम किया है, कहाँ है वो लोग जो अपने नेता के के स्वाभिमान के लिए गोली खाने से लेकर पेडो पर चड़ने तक के करतब दिखाने से बाज नहीं आते ,या फिर इन सब की स्वाभिमानी सिर्फ प्रदेश ,प्रदेश के नेता या राजनैतिक दल तक ही सीमित है या फिर हम ये कहे की घटना उपरांत मिले वाला जवाब "की जाँच होगी" यही इनकी राष्ट्रीयता है . इस पर भी आप राष्ट्रीयता के मायने खोज रहे है तो पूर्व रेल मत्री को आज आप रेल में अपमानित कर के दिखा दे फिर देखिये राष्ट्रीयता आपको सहज ही दिख जायेगी ,
फिर भी मै यही कहुगा क्यों देश के पूर्व राष्ट्रपति के साथ अपने ही देश में दुर्व्यवहार होने पर कही नारे बाजी , सड़क जाम, विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ .... क्या हम इतने सभ्य , सहनशील .और संस्कारी हो गए है ? की अपने देश के पूर्व राष्ट्रपति के अपमान के बाद भी कुछ नहीं बोलेगे क्या आजादी के ६० सालो में हमने गाँधी को आज याद किया ? बहरहाल मैंने तो कभी नारेबाजी की नहीं जो करता हु वो आज भी किया और इस तरह मैंने अपना विरोध प्रदर्शन कर दिया है अब आपकी बारी है
आपके विचार आमंत्रित है

Comments

  1. mere vichar se agar security check hua president ka to kuch galat nahi hua. rather that security officer should be awarded as he dint differenitate between the common man or a VIP. rules are same for every one

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  2. सही प्रश्न है आपका , राष्ट्रीय स्वाभिमान के नेताओ को यदि वोट मिल रहे होते तो हल्ला जरूर मचता , पर इस देश का दुर्भाग्य ही है की कलाम साहब किसी वोट बैंक का प्रध्निदित्व नहीं करते और

    @ anuj गाँधी जी , प्रश्न अपनी ड्यूटी करने या न करना का नहीं है, प्रश्न VIP और आम आदमी का व् सिक्यूरिटी सिस्टम का भी नहीं है प्रश्न है राष्ट्रपति बन चूका व्यक्ति क्या किसी देश का प्रधीनित्व करता है या नहीं , क्या वो भी इतना संध्येआस्पद है की उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता , क्या ये अमेरिकन अपने पूर्व राष्ट्रपति को भी यही दर्जा देते है और सबसे बड़ा प्रशन ये जाँच हमारे अपने ही देश मे हमारे कानून को ढेंगा दिखाकर कर दी गई , सोचिये जरा

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--- संजय सेन सागर

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