जो कहना था उनसे हम कुछ कह न सकें
की तुम्ही से मोहब्बत और तुम्ही से है चाहत
वोह छुपछुप के देखना और खवाबों में मिलना
वोह उनके नाज़ ओ नखरे वो उनका खिलखिलाना और चहचहाना
मदहोश था जो हम कुछ न कह सके
की तुम्ही से मोहब्बत और तुम्ही से है चाहत
वोह नागन जैसी उनकी जुल्फें उनपर लातों का पहरा
दीवाना हमे बना दे उनकी निगाहों का गहना
जो पहली मुलाक़ात में मै उन से न कह सके
की तुम्ही से मोहब्बत वो तुम्ही से है चाहत
वोह बेवफा कभी न थे रही हमेशा वफ़ा की मूरत
वोह उनकी अदाएं बला की सी थी खूबसूरत
की वक्त ऐ जंजीर ने की रुसवाई जो न कह सके
की तुम्ही से मोहब्बत और तुम्ही से है चाहत
की तुम्ही से मोहब्बत और तुम्ही से है चाहत
वोह छुपछुप के देखना और खवाबों में मिलना
वोह उनके नाज़ ओ नखरे वो उनका खिलखिलाना और चहचहाना
मदहोश था जो हम कुछ न कह सके
की तुम्ही से मोहब्बत और तुम्ही से है चाहत
वोह नागन जैसी उनकी जुल्फें उनपर लातों का पहरा
दीवाना हमे बना दे उनकी निगाहों का गहना
जो पहली मुलाक़ात में मै उन से न कह सके
की तुम्ही से मोहब्बत वो तुम्ही से है चाहत
वोह बेवफा कभी न थे रही हमेशा वफ़ा की मूरत
वोह उनकी अदाएं बला की सी थी खूबसूरत
की वक्त ऐ जंजीर ने की रुसवाई जो न कह सके
की तुम्ही से मोहब्बत और तुम्ही से है चाहत
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआप इसी तरह प्रगति के मार्ग पर आगे बढते जाये यही दुआ है
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआप इसी तरह प्रगति के मार्ग पर आगे बढते जाये यही दुआ है