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राजस्थान में तीन अस्पताल 'सील' हुए

राजस्थान की सरकार ने करौली में बच्चों को प्रलोभन देकर ख़ून निकालने के मामले में तीन अस्पतालों को 'सील' कर दिया है और एक नर्सिंग होम के मालिक को गिरफ़्तार किया है. इसी के साथ इन निजी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड मशीनों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.
राजस्थान पुलिस पहले ही दो डॉक्टरो सहित पाँच लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. इन लोगों के ख़िलाफ़ कचौरी, जूस और कुछ पैसे देकर बच्चों का ख़ून निकालने का आरोप है.

करौली ज़िले की पुलिस ने बुधवार को कहा था कि ऐसे बच्चों की संख्या तीस हो सकती जो इस षड्यंत्र के शिकार हुए होंगे.



इन लोगों ने चिकित्सकों के लिए तय किए गए नौतिक नियमों का उल्लंघन किया है और प्रशासन इनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगा


नीरज पवन, ज़िला अधीक्षक, करौली

करौली के ज़िला अधीक्षक नीरज पवन ने मेडिकल काउंसिल को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि तीन डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने तय नौतिक नियमों का उल्लंघन किया है.

नीरज पवन का दावा था, "इन लोगों ने चिकित्सकों के लिए तय किए गए नौतिक नियमों का उल्लंघन किया है और प्रशासन इनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगा."

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अब इन अस्पतालों को ख़ून एकत्र करने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि इन्हें इस मक़सद के लिए दी गई इजाज़त को वापस ले लिया गया है.


निजी अस्पतालों पर नियंत्रण करने के लिए कोई क़ानून नहीं है. विधानसभा ने विधेयक को पारित कर दिया है लेकिन ये केंद्र सरकार के समक्ष हरी झंडी का इंतज़ार कर रहा है


स्वास्थ्य मंत्री एए ख़ान

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री एए ख़ान ने पत्रकारों को बताया सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए. उनका कहना था, "निजी अस्पतालों पर नियंत्रण करने के लिए कोई क़ानून नहीं है. विधानसभा ने विधेयक को पारित कर दिया है लेकिन ये केंद्र सरकार के समक्ष हरी झंडी का इंतज़ार कर रहा है."

पुलिस ने बुधवार को गिरफ़्तार किए गए दो डॉक्टरों समेत छह लोगों को एक स्थानीय अदालत में पेश किया और न्यायालय ने उन्हें 19 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

एक पुलिस अधिकारी सरवर ख़ान का कहना था, "हमने उन दो डॉक्टरों को गिरफ़्तार करने के लिए कुछ टीमों को भेजा है जो लापता है. सरकारी डॉक्टरों और अधिकारियों की एक टीम ने एक निजी अस्पताल पर छापा मारकर रिकॉर्ड ज़ब्त कर लिया है."

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