हमका गीली देखात बतोहायकुर्ती॥
तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
जब सज धज के प्रेम गलिन महंस हंस के आँख लादौलू॥
तोहरे जियरा म देखब कहा ब फुर्ती..
।तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
पकड़ हाथ लाबी तोहरी तोहोय जाबू चितचोर॥
संग म तोहरे ऐसें नाचाबजैसे सावन म मोर॥
हरदम छिनता से बचौबयतोहाय कुर्ती॥
तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
जब सज धज के प्रेम गलिन महंस हंस के आँख लादौलू॥
तोहरे जियरा म देखब कहा ब फुर्ती..
।तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
पकड़ हाथ लाबी तोहरी तोहोय जाबू चितचोर॥
संग म तोहरे ऐसें नाचाबजैसे सावन म मोर॥
हरदम छिनता से बचौबयतोहाय कुर्ती॥
तोहका थोक के खियौबतम्बाकू सुरती॥
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर