Skip to main content

लो क सं घ र्ष !: आदित्य बिरला की मोबाइल कंपनी आईडिया द्वारा ठगी

आदित्य बिरला की मोबाइल कंपनी आईडिया अपने उपभोक्ताओ के साथ ठगी कर रही है जिसका उदाहरण यह है की दिनांक 3/6/2009 को आईडिया मोबाइल नम्बर 9616501364 पर 25 रुपये का ई- टॉप अप डलवाया गया और कंपनी की तरफ़ से जवाब आया कि 23 रुपये 6 पैसे उपलब्ध करा दिए गए है । जब की वास्तविक अकाउंट में एक भी रुपया नही आया । कस्टमर केयर से बात करने पर बताया गया की सर्वर डाउन होने कारण आपके अकाउंट में 24 घंटे में रुपया आ जाएगा । 24 घंटे व्यतीत हो जाने के बाद कंपनी के कस्टमर केयर ने बताया की आप के मोबाइल में टॉप अप के बजाये टैरिफ वाउचर डाल दिया गया है जबकि वास्तव में मोबाइल अकाउंट में टैरिफ वाउचर भी नही डाला है और कंपनी के कस्टमर केयर पर टेलीफोन मिलाने पर कंप्यूटर टेप का उत्तर यह आता है की कस्टमर केयर के सभी अधिकारी व्यस्त है अभी आप की बात सम्भव नही है। इस तरह आदित्य बिरला की कंपनी आईडिया अपने उपभोक्ताओ के साथ धोखा-धडी कर रही है जिन-जिन लोगो ने प्राइवेट कंपनियों के सिम ले रखे है उनके साथ यह बड़ी-बड़ी कंपनिया धोखा-धडी फ्रोड कर रही है । केन्द्र की कांग्रेस सरकार इन्ही कंपनियों के चंदो से चुनी गई है इसलिए कोई कार्यवाही सम्भव नही हो पाती है ।

सभी ब्लोग्गेरो से अनुरोध है की उपभोक्ताओ को इन कंपनियों की ठगी से बचने के लिए कोई फोरम स्थापित करें जिससे उपभोक्ताओ को ठगी से बचाया जा सके

Comments

Popular posts from this blog

डॉ.प्रभुनाथ सिंह भोजपुरी के अनन्य वक्ता थे -केदारनाथ सिंह

डॉ.प्रभुनाथ सिंह के स्वर्गवास का समाचार मुझे अभी चार घंटा पहले प्रख्यात कवि डॉ.केदारनाथ सिंह से मिला। वे हावड़ा में अपनी बहन के यहां आये हुए हैं। उन्हीं से जाना भोजपुरी में उनके अनन्य योगदान के सम्बंध में। गत बीस सालों से वे अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन नाम की संस्था चला रहे थे जिसके अधिवेशन में भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित हुआ था तथा उसी की पहल पर यह प्रस्ताव संसद में रखा गया और उस पर सहमति भी बन गयी है तथा सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। केदार जी ने बताया कि डॉ.प्रभुनाथ सिंह का भोजपुरी में निबंध संग्रह प्रकाशित हुआ है और कविताएं भी उन्होंने लिखी हैं हालांकि उनका संग्रह नहीं आया है। कुछ कविताएं अच्छी हैं। केदार जी के अनुसार भोजपुरी के प्रति ऐसा समर्पित व्यक्ति और भोजपुरी के एक बड़े वक्ता थे। संभवतः अपने समय के भोजपुरी के सबसे बड़े वक्ता थे। बिहार में महाविद्यालयों को अंगीकृत कालेज की मान्यता दी गयी तो उसमें डॉ.प्रभुनाथ सिंह की बड़ी भूमिका थी। वे उस समय बिहार सरकार में वित्तमंत्री थे। मृत्यु के एक घंटे पहले ही उनसे फोन से बातें हुई ...

ग़ज़ल

गज़ब का हुस्नो शबाब देखा ज़मीन पर माहताब देखा खिजां रसीदा चमन में अक्सर खिला-खिला सा गुलाब देखा किसी के रुख पर परीशान गेसू किसी के रुख पर नकाब देखा वो आए मिलने यकीन कर लूँ की मेरी आँखों ने खवाब देखा न देखू रोजे हिसाब या रब ज़मीन पर जितना अजाब देखा मिलेगा इन्साफ कैसे " अलीम" सदकतों पर नकाब देखा