सलीम अख्तर सिद्दीकी
उत्तर भारतीय लोगों को महाराष्ट्र में लठिया दिया जाता है। यूपी और दिल्ली वाले भी ÷बिहारी÷ को एक गाली के रुप में प्रयोग करते देखे जा सकते हैं। महाराष्ट्र के लोगों का कहना है कि उत्तर भारत के लोग यहां के स्थानीय लोगों का रोजगार छीन रहे हैं। यूपी और दिल्ली के लोग भी बिहारियों के बारे में ऐसी ही सोच रखते हैं। अब आस्ट्रेलिया की बात करे तो वहां से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं। उन लोगों का मानना है कि भारतीय लोग यहां के लोगों का रोजगार छीन रहे हैं। वहां भी ÷इंडियन÷ ÷बिहारी÷ की तरह एक गाली बन गया है। उनका मानना है कि इंडियन्स को न तो चलना आता है, न बात करना आता है। ये अंग्रेजी सही तरीके से नहीं बोल सकते। यही बातें हम बिहारयिों के लिए करते हैं। इंटरनेट पर इंडियन्स के विरुद्व नफरत फैलायी जा रही है। फिर बिहारियों पर आते हैं। क्या हम भी बिहारियों के खिलाफ ऐसी ही नफरत नहीं फैलाते ? जब महाराष्ट्र में राज ठाकरे की मनसे उत्तर भारतीय पर कहर ढा रही थी तो ये कहा गया था कि बिहार समेत उत्तर भारत की राज्य सरकारें अपने प्रदेशों में ही रोजगार के अवसर क्यों प्रदान नहीं करती, जिससे इन प्रदेशों के लोगों को रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों का रुख न करना पड़े। क्या ये बात भारत सरकार पर लागू नहीं होती। क्यों नहीं भारत सरकार देश में ही रोजगार और बेहतर शिक्षा मुहैया नहीं कराती ?
पैसा और सिफारिश के बल पर आस्ट्रेलिया और अन्य पश्चिमी देशों में जाने वाले लोग रसूख और पैसे वाले होते हैं। इन लोगों को भारतीय कल्चर पसंद नहीं है। ये दिल से अंग्रेज हैं। इन लोगों को ज्यादा और ज्यादा पैसा कमाना है या इन लोगों के बच्चों को भारतीय शिक्षा अच्छी नहीं लगती। ये वही लोग हैं, जो भारत में रहकर भी भारत को हिकारत की नजर से देखते हैं। जब उन्हें पश्चिम के देश हिकारत की नजर से देखेते हैं तो इनको भारतीय होने का एहसास होता है। तब ये भारत का झंडा लेकर ÷न्याय÷ मांगने निकल पड़ते हैं। लेकिन जब यूपी-दिल्ली में बिहारियों और उनके रिक्शों पर पुलिस वाला डंडा मारता है तो यूपी-और दिल्ली वालों के मुंह से यही निकलता है, ÷इन बिहारियों ने तो सड़क पर चलना मुहाल कर दिया है।÷ ये अलग बात है कि यूपी और दिल्ली वाले सड़कों पर इतना कब्जा कर लेते हैं कि सड़क ही गायब हो जाती है।
इस देश मे आतंकवाद के नाम पर एक समुदाय को कदम-कदम पर जलील किया जाता है। अलिखित रुप से बहुत सी सुविधाओं और अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। जब आस्ट्रेलिया की ग्लासगो एअरपोर्ट की आतंकवादी घटना में मौहम्मद हनीफ नाम के एक भारतीय डाक्टर को गिरफ्तार किया जाता है और प्रधानमंत्री का यह बयान आता है कि ÷मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी।÷ तो उनके इस बयान को एक विशेष विचारधारा के लोग ÷मुस्लिम तुष्टीकरण÷ कह प्रधानमंत्री की खिल्ली उड़ाते हैं।
अमिताभ बच्चन को आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर होने हमलों से इतना सदमा पहुंचा कि उन्होंने आस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाने वाली डाक्टरेट की मानद उपाधि लेने से इंकार कर दिया है। जरा याद कीजिए। जब मनसे के गुंडे उत्तर भारतीयों पर कहर बरपा रहे थे तो अमिताभ बच्चन को कितना सदमा पहुंचा था ? और जब जया बच्चन ने एक समारोह में हिन्दी की वकालत की थी तो अमिताभ बच्च्न ने राज ठाकरे की नाराजगी से बचने लिए राज ठाकरे से न केवल खुद माफी मांगी थी, बल्कि जया बच्चन से भी माफी मंगवाकर उत्तर भारतीयों के मनोबल को तोड़ दिया था। कारण सिर्फ इतना था कि राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में उनकी और उनके परिवार के सदस्यों की फिल्मों के बहिष्कार की धमकी दे दी थी। महराष्ट्र में मनसे से पंगा लेने पर रोजगार का सवाल था, लेकिन आस्ट्रेलिया से पंगा लेने में कोई दिक्कत नहीं है। इसलिए उन्हें आस्ट्रेलिया की घटनाएं तो सदमा देती हैं। लेकिन महाराष्ट्र की घटनाओं से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। अमिताभ बताएं कि राजठाकरे और आस्ट्रेलिया के गुंडों में क्या फर्क है ? बाला साहेब ठाकरे ने सलाह दी है कि आस्ट्रेलिया को आईपीएल से तब तक के लिए हटा दिया जाना चाहिए, जब तक भारतीयों पर हमले नहीं रुकते। बाल ठाकरे जब भी बोलते हैं, उल्टा ही बोलते हैं। कम से कम नस्ली हिंसा के मामले में बाल ठाकरे को नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि 'महाराष्ट्र मराठियो' का नारा उनका ही दिया हुआ है। उत्तर भारतीयों के लिए महराष्ट्र को युगांडा बनाने में बाल ठाकरे का ही हाथ है। ठाकरे साहब क्यों न महाराष्ट्र को रणजी से अलग कर दिया जाए ?
यह सब लिखने का मतलब आस्ट्रेलिया को क्लीन चिट देना बिल्कुल नहीं है। मकसद सिर्फ इस बात का एहसास कराना है कि हम खुद भारतीय जब नस्लवाल, प्रदेशवाद, जातिवाद, भाषावाद और धर्मवाद से अछूते नहीं है तो विदेशियों से इस बात की उम्मीद क्यों करें कि वह हमसे बराबरी का बर्ताव करेंगे।
09837279840
saleem_iect@yahoo.co.in
आपने बिलकुल सही लिखा है।
ReplyDeletebahut sahi likha bhai
ReplyDeletehum indians se barra racist koi nahin hai .........
amitabh se barra dogla koi nahin hai how many times he stand up against bal thaakre and shiv sena
aur austraila mainjo humle ho rahe vo racist nahin uske aur kaaran hai.....
aapka ye post bahut hi bold hai.... lekin hai katu satya....... rastravaad, kshetravaad, pradeshvaad ko badhava dene valo tak aapka ye post pahunchana chahiye aur unhe samajhna chahiye ki wo kitna had tak gir chuke hai.....
ReplyDeleteyuva josh
सच कहा देश की समस्याओं को जातिबाद के रूप मे बाँट दिया गया है
ReplyDeleteजब की इसे लिए सभी जिम्मेदार है कोई एक नहीं.......
बहुत ही खूब लिखा
सच कहा देश की समस्याओं को जातिबाद के रूप मे बाँट दिया गया है
ReplyDeleteजब की इसे लिए सभी जिम्मेदार है कोई एक नहीं.......
बहुत ही खूब लिखा
आप की बाते अच्छी लगे
ReplyDeleteएक कविता आज के हालत पर
क्या हो रहा है और
क्या होगा क्या होगा जो हो रहा है
सच पुचो तो
इस जाती धर्म देश में मानवता रो रहा है
duais rakhne walo को प्यार दो adar दो satkaar दो
bilkul sacchai bayaan kari hai aapne..bahut khoob!
ReplyDeleteसलीम भाई.
ReplyDeleteआधा सच और आधा आपकी मानसिकता है इस लेख में.
०) बिहारी - लाठिया और ऑस्ट्रलियाई भारतीयों के बारे में, और विशेषकर राज ठाकरे के बारे में जो आपने कहा, वो उचित है और मैं सहमत हूँ.
१) सारे लोग जो बाहर जाते हैं, 'दिल से अँगरेज़' नहीं होते.
मैं भी उन बाहरी लोगों में से एक हूँ.
पर भारत में रहने वाले कई भारतीयों से ज्यादा भारतीय हूँ... सोच, विचार और कर्मों से.
- तो कृपया सारे एन. आर. आई. को सिर्फ एक तरीके से ना बोलें.
२) जब सही अमिताभ बच्चन जी के साथ और जया जी के साथ इस तरह की बातें हो रहीं थी तो क्यों नहीं बाकी के लोग, विशेषकर "किंग खान" सामने आये उनके बचाव के लिए?
- येही किंग खान जो बोलते नहीं थकते कि "मैं आज कि पीढ़ी का आइडिअल हूँ"..
- क्यों सो रहे थे तब कांग्रेस के लोग जो की सत्ता में थे महाराष्ट्र में?
- क्यों चुप रही "हिंदी" फिल्म इंडस्ट्री?
- माना के उन्हें झुकना पडा, पर साथ देने के लिए कौन था? कोई नहीं!!!!
और आपके युसूफ (दिलीप कुमार) साहेब:
- पाकिस्तानी अवार्ड को सीने से लगाए बैठे हैं.. बोलते हैं कि मेरी कला को लेकर है यह अवार्ड, चाहे पाकिस्तान कुछ भी करें, मैं तो रखूंगा..
- भूल गए सब कुछ... आप क्यों चुप्प है उन पर??
- वैसे वो यह भी भूल गए कि पाकिस्तान में आज भी हिंदी *(भारतीय) फिल्मों को दिखाया नहीं जा सकता आधिकारिक तौर पर.. चाहे बलसक में कितनी भी चलें वो फिल्में.. तो यह कैसा दोगलापन है!!!
- क्यों रखें उनका इनाम?? भूल जाइए बाकी कृत्यों को, पर यदि आपकी ही फिल्म और इंडस्ट्री को 'इजाजत' नहीं है आधिकारिक तौर पर दिखाने कि, तो फिर कैसा इनाम???
3) अब आतंकवाद पर आयें..
आपका कहना है की एक विशेष समुदाय के लोगों को "जलील किया जाता है, लिखित और अलिखित रूप से सुविधायों से वंचित किया जाता है''.
- बहुत तगडे इल्जाम हैं... कोई सबूत है?
- आप कह नहीं पाए की वो "समुदाय" कौन सा है.. मैं बताता हूँ... आप मुसलमानों की बात कर रहे थे,
और मैं सबूत देता हूँ, अपनी एक ईमेल से जो मैंने बीबीसी को लिखी थी.. कि मुसलमानों के साथ क्या होता हैं भारत में..
This last sentence can NOT be further from truth.
Bhaarat and its citizens have given opportunity to people from all religion to be at the highest positions in different fields.
Let's focus on how Muslims are treated in India.
Presidents of India:
Zakir Hussain
Muhammad Hidayatullah
Fakhruddin Ali Ahmed
A. P. J. Abdul Kalam
(4 out of total 12, that is 33% which is way more than 13% Muslims population in India).
Indian Air Force Chief:
Idris Latif
Chief Justices of Supreme Court of India:
M. Hidayatullah
Mirza Hameedullah Beg
A. M. Ahmadi
(3 out of 36, around 9%, again not bad compared to 13% population)
Notable Painters:
M.F. Hussain
Sayed Haider Raza
Tyeb Mehta
Bollywood Stars:
Dilip Kumar (aka Yusuf Khan)
Shah-rukh Khan
Aamir Khan
Salman Khan
Saif Khan
The list goes on and on....
Literature:
Javed Akhtar
Deputy Nazir Ahmad
Rahi Masoom Raza
Saadat Hasan Manto
Mazrooh Sultanpuri
A lots of name to write here...
Music:
Ustad Bismillah Khan
Ud. Allahrakkha Khan
Ud. Zakir Hussain
Ud. Aashish Khan
Ud. Rashid Khan
Ud. Nazakat Ali
Ud. Salamat Ali Khan
The list goes on and on....
Players:
Captains of India
Muhammad Azharuddin
Ghulam Ahmed
Iftikhar Ali Khan Pataudi
Mansoor Ali Khan Pataudi
(4 out of 30 so far, again an average around 11% which is close to population average)
Non captain stars
Sayed Kirmani
Rashid Ghulam Patel
Saba Karim
Iqbal Siddiqui
Wasim Jaffer
Mohammad Kaif
Zaheer Khan
Irfan Pathan
Usuf Pathan
Munaf Patel
The list goes on... You can not count the numbers here.
So, we have covered posts of power, armed services, top justice dept positions, entertainment, art/music/literature, and lastly sports.
What else is left to show that there is NO discrimination against Muslims in India.
4) और सुने... क्यों कोई मुसलमानों के खिलाफ गुस्सा करता है.
ReplyDelete- जितनी भी आतंकवादी घटनाए हुयी, कितनी बार सूना कि मुस्लिम दलों या संगठनों ने खुला विरोध किया?
- जब काश्मीर से हिन्दू मार-काट के भगाए जा रहे थे तो किसने आवाज उठायी? वहाँ तो मस्जिदों से ही आवाज दी जाती थी 'काफिरों' को मारने और भगाने कि... क्या जुर्म था उन मासूमों का जो इस आग में जले?
- जब कांधार कि घटना घटी तो किस मुस्लिम दल ने कहा कि यह अल्लाह के मर्जी के खिलाफ है कि बेबस और मासूमों को इस तरह रखा जाय?
- यह सब उतना ही गलत था जितना गुजरात में हिंसा... पर नहीं, वहाँ तो मुस्लिम्स चुप थे!!!
५) हमारे प्रधानमंत्री जी को "नींद नहीं आयी सारी रात"...
और तब सो रहे थे जब ८४ में सिख जले? तब सो रहे थे जब महाराष्ट्र में 'बिहारी' लोग हिंसा के शिकार थे? तब सो रहे थे जब हिन्दोस्तान में बोम्ब्स फट रहे थे? तब सो रहे थे जब काश्मीर जल रहा था? तब सो रहे थे जब नंदीग्राम में लोग मर रहे थे? और जब (आज तक) तमिल लोग मर रहे हैं (मैं बात कर रहा हूँ मासूम बच्चों और बूढों कि जिनका अल.टी.टी.ई. से कोई लेना देना नहीं है) श्री-लंका में??
उनकी नींद ही मुसलमान को लेकर ही क्यों खराब होती है?
- इसे क्या कहें?
६) अमरनाथ में तीर्थ यात्रिओं को थोडी सी जमीन उनकी सुविधा के लिए देने में सबको दिक्कत...
बेचारे टेंट्स में रहें, तो कोई दिक्कत नहीं??
- और हमारे (गौर करें, टैक्स देनें वालों में ज्यादा तो हिन्दू ही हैं), ही पैसों से हज वालों को ढेर सारी रियायतें!!!! पक्के और सुख सुविधावाले मकान (होटल्स), यात्री किराए में रियायतें??
- तब क्यों नहीं कोई मुस्लिम दल बोला... "उनको भी सुविधा दो... वो भी धर्म का काम है"...
क्यों नहीं बोल कोई ये सब?
- तब मनमोहन और सोनिया सो रहे थे? और आप, आप भी??
७) जब मियाँ अज़हरुद्दीन को पकड़ा गया, मैच फिक्सिंग में, तो बोले, "मैं मुसलमान हूँ, इसलिए मुझे पकडा जा रहा है..." भूल गए कि,
१- इस्लाम में चोरी और देशद्रोह बड़ा अपराध है.
२- और बाकी क्रिकेटर्स भी पकडे गए वो सब तो हिन्दू थे.
३- और आखिर कांग्रेस में आ गए... सब लोग भूल गए...
८) सलमान खान जेल गए तो पक्के मुसलमान 'बन' गए.
- बन गए, क्योंकि उन्होंने 'टोपी' पहननी शुरू कर दी, दाढी बढा ली.
- क्यों ये नाटक? इसके पहले तो कभी ऐसा नहीं देखा??
अन्याय किसके साथ होता है, आप सच सच बोलें..
~जयंत चौधरी
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआप इसी तरह प्रगति के मार्ग पर आगे बढते जाये यही दुआ है
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआप इसी तरह प्रगति के मार्ग पर आगे बढते जाये यही दुआ है