साक्षरता
सा क्षरता साहस भर नर में, नव जीवन का निर्माण करे।
क्ष त्रिय धर्म है रक्षा हेतु रण, मनुज-मात्र यह काम करे।
र टना कभी न सिखाती यह, नित प्रति बुद्धि विकास करे।
ता कत बनती सबकी विद्या, विपति समय में काम
सा क्षरता साहस भर नर में, नव जीवन का निर्माण करे।
क्ष त्रिय धर्म है रक्षा हेतु रण, मनुज-मात्र यह काम करे।
र टना कभी न सिखाती यह, नित प्रति बुद्धि विकास करे।
ता कत बनती सबकी विद्या, विपति समय में काम
Comments
Post a Comment
आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
--- संजय सेन सागर