ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान का काम अब से कुछ देर पहले शुरू हो चुका है.
इस चुनाव में कट्टरवादी माने जाने वाले वर्तमान राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और सुधारवादी नेता मीर हुसैन मुसावी के बीच मुख्य मुक़ाबला होने की संभावना जताई जा रही है.
ईरान की काउंसिल ने चुनाव में चार लोगों के नाम को अंतिम सहमति दी थी. बाक़ी के दो नाम मोहसिन रेज़ाई और मेहदी करूबी के हैं.
क़रीब साढ़े छह करोड़ की जनसंख्या वाले ईरान में शुक्रवार को हो रहे मतदान पर दुनियाभर के देशों की नज़र है.
सबको यह जिज्ञासा है कि ईरान में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठेगा. क्या सुधारवादी नेता को लोग मौक़ा देंगे या अहमदीनेजाद अपना दौर दोहराएंगे.
ख़ासकर पश्चिम के देशों की ईरान के चुनाव में इसलिए भी दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि उनका अनुभव अहमदीनेजाद के साथ अच्छा नहीं रहा है और शीर्ष बदलाव के बिना उन्हें ईरान के तेवरों में बदलाव की उम्मीद भी कम है.
युवा हैं निर्णायक
इस बार के चुनाव में 18 साल से अधिक की आयु वाले मतदाताओं की संख्या क़रीब चार करोड़ 60 लाख है.
कुल मतदाताओं में से क़रीब 80 लाख मतदाताओं का जन्म 1979 में हुई क्रांति के बाद हुआ है.
यानी जनमत की लहर युवा मतदाता के हाथों में है. युवाओं को कौन सा नेता ज़्यादा प्रभावी लगता है, उनकी पसंद बनता है, यह बात चुनाव में प्रत्याशियों के भविष्य को तय कर सकती है.
राजधानी तेहरान से बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि चुनाव के लिए जिस तादाद में इसबार लोग सड़कों पर उतरे औऱ प्रचार में हिस्सा लिया उससे माना जा रहा है कि मतदान का प्रतिशत काफी ऊपर रहेगा.
वर्ष 2005 के अंतिम दौर के चुनाव में केवल 60 फ़ीसदी लोगों ने ही मतदान किया था. इस चुनाव में कट्टरपंथी नेता मोहम्मद अहमदीनेजाद सत्ता में आए थे.
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--- संजय सेन सागर