उछाले गये प्रश्न,
अनुशासन हीन क्यों है आ्ज की पीढी ?
क्यों हें दूरियां,द्वन्द्व,अन्तर्द्वन्द्व-
बच्चों व माता पिता में ?
चुनते रहे पत्तियां,
बच्चों पर हैं बडे दबाव,पढाई के ,ट्यूशन के,
मां-बाप की आकान्क्षाओं के ।
ब्च्चों से सीखें मां- बाप,
बच्चों को गुरू मानकर।
्बच्चों को सिर्फ़ पैसे सुविधा नहीं,
अपना समय भी दें,मित्र बनें,पूरी बात सुनें ,समझें ।
बच्चे भी मां बाप की सुनने की बजाय ,
अपनी ही तानते हैं;
्टीचर व दोस्तों कि अधिक मानते हैं,
टी. वी.,सिनेमा,इन्टर्नेट को अधिक पहचानते हैं ।
कौन जा पाया जड में --
आरहा है देश में, अवान्छित धन,
योरोप,अमेरिका के जुआघरों,
चकलाघरों,नन्गे नाच के क्लबों,
आतन्क्बाद्व व ् निरीहों पर अत्याचार व-
शस्त्रों की होड के पोषण के लिये,
हथियारों की बिक्री की कमाई का ।
कभी बिकास के नाम पर,सहायता व कर्ज़,
एवम एन.जी.ओ. प्रोजेक्ट या--
बहुराश्ट्रीय कम्पनियों ्के बिकास में लिप्त-
हमें, मोटी-मोटी आमदनी, पे-पर्क्स, के रूप में ।
""जैसा खायें अन्न, वैसा होगा मन। ""
संस्कार कही खो चुके है जब संस्कार ही नहीं होंगे तो पीढी से क्या उम्मीद की जा सकती है..हम और आप में भी तो बदलाब आया है..है की नहीं?
ReplyDeleteसंस्कार कही खो चुके है जब संस्कार ही नहीं होंगे तो पीढी से क्या उम्मीद की जा सकती है..हम और आप में भी तो बदलाब आया है..है की नहीं?
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