टिप्पणी पे की गयी टिपण्णी , पर टिप्पणी .................................
आपका कहना लाज़मी है ..मैंने तो पहले हीं ज़िक्र कर दिया की सवाल अगर ब्राह्मणों ने खड़ा किया , या ऐसी मानसिकता ने , तो ज़वाब भी तो वहीँ बने।
जहाँ तक बात है साँप की दूध पीने की , तो वह सत्य है सभी के लिए ..... साँप ब्राह्मणों के घर में हीं दूध नही पीते ।
पता नही आप किस आधार पर गाँधी की हत्या , इंदिरा और राजीव की हत्या ब्राह्मण्वादि सोच का प्रतिफल मानते हैं। अगर सच में ऐसा है तो आपका विश्लेषण जग जाहिर होना चाहिए। मुझे तो लगता है की , गाँधी की हत्या कर गाँधी को महान बना दिया गया । वरना उनके काबिलियत पे संदेह बरक़रार रह जाता
। गाँधी तो स्वयं , हार चुके थे , उस निहत्थे बुढे गाँधी पे गोली खर्च करने की क्या आवश्यकता थी । उनकी सजा उनकी ज़िन्दगी थी । गाँधी हमेशा हीं अंग्रेजियत के दुश्मन थे अंग्रेजों के नहीं , और इसके पलट में नेहरू अंग्रेजों के दुश्मन थे , अंग्रेजि़त के नहीं । इतना हीं फर्क गाँधी और नेहरू को पास भी रखा और बहुत दूर भी । आज जब भारतीय शिक्षाविद् उन्हें राष्ट्र पिता कहतें हैं , ये भी बात पल्ले नही पड़ती। राष्ट्र का कोई पिता भी हो सकता है , यानि राष्ट्र व्यक्ति से बड़ा नही ?
मुझे तो "हिंदुत्व " का रथ और हिंदू का मतलब समझाना पड़ेगा ! वह जो भी व्यक्ति जो भारत को अपनी पुण्यभूमि और कर्मभूमि मानता है , वह हिंदू है , और जो संस्कृति यहाँ , इस भूमि पर उपजी , वही संस्कृति में विस्वास हिंदुत्व में विश्वास करना है ! मुझे नहीं लगता की बीजेपी इस से अलग कुछ बात करती है ।
यह तो आप जैसे मानवतावादियों का बनाया गया भ्रम जाल है जो, मुस्लिम और अन्य निचले वर्णों को यह भय दिखाकर की, भाई साहब भाजपा से दूर रहियो , आ जायेगी तो गोधरा मच जाएगा , या रामराज्य आ जाएगा ......बताकर बेवकूफ बना रहे हैं । यह कैसा प्यार है , की बच्चा भूखा रो रहा है , और माँ अपने पायल पे पोलिश लगा रही है । शायद आपके कहे अनुसार तो , कांग्रेस ऐसी हीं माँ लगती है. आपकी बातों में सिर्फ़ दोषारोपण है , तथ्य और तर्क की कोई झलक देखने को नही मिलता !
उम्मीद है आगे आप तथ्यों का सहारा लेंगे , बेबुनियाद आरोपों का नहीं ।
आपका कहना लाज़मी है ..मैंने तो पहले हीं ज़िक्र कर दिया की सवाल अगर ब्राह्मणों ने खड़ा किया , या ऐसी मानसिकता ने , तो ज़वाब भी तो वहीँ बने।
जहाँ तक बात है साँप की दूध पीने की , तो वह सत्य है सभी के लिए ..... साँप ब्राह्मणों के घर में हीं दूध नही पीते ।
पता नही आप किस आधार पर गाँधी की हत्या , इंदिरा और राजीव की हत्या ब्राह्मण्वादि सोच का प्रतिफल मानते हैं। अगर सच में ऐसा है तो आपका विश्लेषण जग जाहिर होना चाहिए। मुझे तो लगता है की , गाँधी की हत्या कर गाँधी को महान बना दिया गया । वरना उनके काबिलियत पे संदेह बरक़रार रह जाता
। गाँधी तो स्वयं , हार चुके थे , उस निहत्थे बुढे गाँधी पे गोली खर्च करने की क्या आवश्यकता थी । उनकी सजा उनकी ज़िन्दगी थी । गाँधी हमेशा हीं अंग्रेजियत के दुश्मन थे अंग्रेजों के नहीं , और इसके पलट में नेहरू अंग्रेजों के दुश्मन थे , अंग्रेजि़त के नहीं । इतना हीं फर्क गाँधी और नेहरू को पास भी रखा और बहुत दूर भी । आज जब भारतीय शिक्षाविद् उन्हें राष्ट्र पिता कहतें हैं , ये भी बात पल्ले नही पड़ती। राष्ट्र का कोई पिता भी हो सकता है , यानि राष्ट्र व्यक्ति से बड़ा नही ?
मुझे तो "हिंदुत्व " का रथ और हिंदू का मतलब समझाना पड़ेगा ! वह जो भी व्यक्ति जो भारत को अपनी पुण्यभूमि और कर्मभूमि मानता है , वह हिंदू है , और जो संस्कृति यहाँ , इस भूमि पर उपजी , वही संस्कृति में विस्वास हिंदुत्व में विश्वास करना है ! मुझे नहीं लगता की बीजेपी इस से अलग कुछ बात करती है ।
यह तो आप जैसे मानवतावादियों का बनाया गया भ्रम जाल है जो, मुस्लिम और अन्य निचले वर्णों को यह भय दिखाकर की, भाई साहब भाजपा से दूर रहियो , आ जायेगी तो गोधरा मच जाएगा , या रामराज्य आ जाएगा ......बताकर बेवकूफ बना रहे हैं । यह कैसा प्यार है , की बच्चा भूखा रो रहा है , और माँ अपने पायल पे पोलिश लगा रही है । शायद आपके कहे अनुसार तो , कांग्रेस ऐसी हीं माँ लगती है. आपकी बातों में सिर्फ़ दोषारोपण है , तथ्य और तर्क की कोई झलक देखने को नही मिलता !
उम्मीद है आगे आप तथ्यों का सहारा लेंगे , बेबुनियाद आरोपों का नहीं ।
arre bhai sach kyon karrrwa lagta hai tumkooo
ReplyDeleteaur yeh tum kya humein manavtavadi bata rahe hooo............
too tum kya shaitanvadi ja aantakwadi hoo...........???????
lagta to jahi hai vaise mujhe......