
माना जा रहा है कि स्पष्ट जनादेश के चलते इस बार पहले की तुलना में साफ सुथरी छवि वाले, युवा और अनुभवी लोगों की मिली-जुली सशक्त कैबिनेट बनाने की कोशिश होगी।
टीम में पीएम की पसंद के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की इच्छा भी नजर आएगी।
कौन-कौन हैं दावेदार?
प्रणब मुखर्जी, एके एंटनी ,पी चिदंबरम, कमलनाथ, सुशील कुमार शिंदे जैसे वरिष्ठ नेताआंे का दोबारा मंत्री बनना तय माना जा रहा है। वहीं मीराकुमार, कपिल सिब्बल को भी दोबारा जगह मिलने की आस है।
गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में लिया जा सकता है। राज्य मंत्री जयराम रमेश के साथ ही जतिन प्रसाद, मध्य प्रदेश के कांतिलाल भूरिया और जयोतिरादित्य सिंधिया का ओहदा बढ़ाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री अजरुन सिंह को लेकर स्थिति साफ नहीं है।
सहयोगी दलों की भागीदारी:
सहयोगी दल एनसीपी से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल का कैबिनेट में आना लगभग तय है। राजद प्रमुख लालू को लेकर पार्टी में एक धड़े के विरोध के चलते तस्वीर साफ नहीं है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी अपने कुछ सहयोगियों के साथ मनमोहन की टीम में आने को तैयार दिख रही हैं।
अन्य संभावितों में:
राजस्थान से नमोनारायण मीणा, गिरिजा व्यास, सचिन पायलट, सीपी जोशी व राहुल के सचिव जितेन्द्र सिंह और केरल के तिरुवनंतपुरम से जीतकर आए शशि थरूर का नाम मनमोहन की संभावित कैबिनेट में लिया जा रहा है। पंजाब से अंबिका सोनी और मनीष तिवारी, हरियाणा से कुमारी शैलजा, राव इंद्रजीत सिंह और हंसराज भारद्वाज को मौका मिल सकता है। वहीं जनार्दन द्विवेदी, मुकुल वासनिक के नाम भी चर्चा में हैं।
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--- संजय सेन सागर