कभी तो तुमको याद आएगी वो बहारें वो समा
झुके झुके बादलों के निचे मिले थे हम तुम जहा जहा
कभी तो तुम को याद आएगी ........................
तुम से बिछडे सदियाँ बीती , फिर भी हमे याद आते हो
खुशबू बन कर आहट बनकर , आज भी तुम तड़पाते हो
ज़िन्दगी कितनी बेजार है , तुमने कभी तो मुझसे कहा था तुम से प्यार है
कहां गई वो प्यार की कसमे, प्यार का वादा क्या हुआ
बेवफा वो बेवफा .....................................................
कभी तो तुमको याद आएगी..................................
जितना तुमको अपना समझा, उतना ही हम बेगाने थे
हमने क्या-क्या आस लगाई हम कितने दीवाने थे
ज़िन्दगी कितनी बे जार है तुमने कभी तो मुझसे कहा था तुमसे प्यार है
कहा गई वो प्यार की कसमे प्यार का वादा क्या हुआ
बे वफ़ा वो बेवफा ...................................................
कभी तो तुमको याद आएगी................................
झुके झुके बादलों के निचे मिले थे हम तुम जहा जहा
कभी तो तुम को याद आएगी ........................
तुम से बिछडे सदियाँ बीती , फिर भी हमे याद आते हो
खुशबू बन कर आहट बनकर , आज भी तुम तड़पाते हो
ज़िन्दगी कितनी बेजार है , तुमने कभी तो मुझसे कहा था तुम से प्यार है
कहां गई वो प्यार की कसमे, प्यार का वादा क्या हुआ
बेवफा वो बेवफा .....................................................
कभी तो तुमको याद आएगी..................................
जितना तुमको अपना समझा, उतना ही हम बेगाने थे
हमने क्या-क्या आस लगाई हम कितने दीवाने थे
ज़िन्दगी कितनी बे जार है तुमने कभी तो मुझसे कहा था तुमसे प्यार है
कहा गई वो प्यार की कसमे प्यार का वादा क्या हुआ
बे वफ़ा वो बेवफा ...................................................
कभी तो तुमको याद आएगी................................
अलीम जी बहुत ही खूबसूरत....
ReplyDeleteमजा आ गया
अलीम जी बहुत ही खूबसूरत....
ReplyDeleteमजा आ गया
shukriya kalpana ji .....
ReplyDeletebahut sundar ,par yah to nazm hai, " muskil hai" yah gazal hai.
ReplyDeletegupta ji nazm aur ghazal me kafi antar hota hai gupta ji....
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