सलीम अख्तर सिद्दीकी
मैं आइडिया मोबाइल कम्पनी का लगभग 6 साल पुराना उपभोक्ता हुं। यह कम्पनी अपने पुराने उपभोक्ताओं की कतई परवाह नहीं करती। बिल लेट होने पर 100 रुपये का जुर्माना वसूूल करती है। आउटगोइंग बंद कर देती है। मैं थोड़ा लापरवाह किस्म का इंसान हूं। लगभग पिछले 6-7 महीनों से लेट बिल जमा कर रहा हूं और 100 रुपये का जुर्माना भी अदा कर रहा हूं। अबकी बार भी ऐसा ही हुआ। 5 मई बिल जमा करने की तारीख थी। मैंने बिल जमा किया 11 मई को। फोन चालू था। लेकिन तीन दिन बाद आज 14 मई को 12 बजे के करीब मेरी आउटगोइंग बन्द कर दी गयी। कस्टमर केयर पर फोन किया तो कहा गया कि कम्पनी के पास अभी आपका बिल पेड नहीं हुआ है, इसलिए फोन बंद किया गया हैं। मुझे सलाह दी गयी कि जहां आपने बिल जमा किया है, वहां जाकर रसीद दिखाकर फोन चालू करा लें। सवाल यह है कि जब मैंने बिल जमा करा दिया है तो यह मेरी जिम्मेदारी क्यों है कि मैं बीस किलोमीटर दूर जाकर रसीद दिखाउं कि भैया मैंने आपके पास बिल जमा करा दिया है, मेरा फोन चालू कर दें। सवाल यह भी है कि यदि मैं ऐसी जगह होता, जहां पीसीओ की सुविधा नहीं होती और मुझे इमरजैंसी फोन करने की जरुरत पड़ती तो मैं क्या करता ? ऐसे में किसी की जिंदगी और मौत का सवाल हो तो ऐसे में कम्पनी की जिम्मेदारी क्यों नहीं होनी चाहिए ? क्या ऐसा है कि कम्पनी उपभोक्ता का कई दिन तक पैसे का इस्तेमाल करती है। अगर ऐसा है तो वाकई आइडिया का क्या खूब आइडिया है। यह मैंने तय कर लिया है कि मैं कम्पनी से अब फोन चालू करने के लिए नहीं कहूंगा। कम्पनी उपभोक्ता से पैसा वसूलती है। लेट बिल जमा करने पर जुर्माना वसूलती है। उपभोक्ता को भी पूरा अधिकार है कि वह नुकसान होने पर कम्पनी से हर्जाना वसूल करने के लिए कोर्ट में जाए। मेरी आउट गोइंग बन्द होने से मेरा जितना भी आर्थिक नुकसान होगा, उसकी जिम्मेदारी आइडिया मोबाइल कम्पनी की होगी। मैं यहां यह भी बताना जरुरी समझता हूं कि मीडिया उपभोक्ताओं की व्यथा को जगह देने के लिए तैयार नहीं है। वजह सभी जानते हैं कि कम्पनी मीडिया को करोड़ों के विज्ञापन देती है। लेकिन अब तो अपनी व्यथा रखने के लिए ब्लॉग एक सशक्त माध्यम है।
170, मलियाना, मेरठ
9837279840
aapne idea upbhoktao ke dard ko btaya hai ...thanks..
ReplyDelete